लखनऊ: सांसद अफजाल अंसारी अपनी पत्नी फरहत अंसारी के साथ सोमवार को एलडीए पहुंचे. एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी से मिलकर अफजाल अंसारी ने उनके समक्ष डालीगंज स्थित बंगले के बारे में पक्ष रखा. उन्होंने बंगले को नियमानुसार बना बताया. उन्होंने उपाध्यक्ष से कहा कि मेरे डालीबाग स्थित मकान का नक्शा निरस्त करने की नोटिस देना गलत है. इस दौरान वे एलडीए कार्यालय में करीब आधे घंटे तक रुके. अफजाल व फरहत अंसारी का मकान जियामऊ के उसी गाटा संख्या 93 में बना है, जिसमें मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी के मकान बने थे.
एलडीए ने दी थी नोटिस
दरअसल पिछले महीने एलडीए ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों के मकान गिरा दिए थे. फरहत अंसारी के मकान का नक्शा एलडीए ने 2007 में पास किया था, उस वक्त फरहत अंसारी ने इस जमीन को अपना बताया था. वहीं अब जिलाधिकारी ने एलडीए को जो पत्र भेजा है, उसमें जमीन को निष्क्रांत बताया गया है. एलडीए अधिकारियों का कहना है कि इस पत्र के हिसाब से फरहत अंसारी का जमीन का मालिकाना हक खत्म हो गया है, इसीलिए उन्हें नोटिस दी गई थी.
नक्शा निरस्त न करने की मांग
उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी ने नोटिस की सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख नियत की थी. इसके चलते सांसद अफजाल अंसारी व उनकी पत्नी फरहत अंसारी सोमवार को सुनवाई में शामिल हुए. एलडीए अधिकारियों से उन्होंने कहा कि उनका नक्शा नियमानुसार पास है, जमीन के मालिक भी वही हैं. लिहाजा नक्शा निरस्त न किया जाए और बंगले को गिराने की कार्रवाई को भी रोका जाए.
गाजीपुर सांसद ने एलडीए को लिखित में भी जवाब दिया है, जिसके बाद फिलहाल माना जा रहा है कि अब जल्द ही एलडीए इनके बंगले के बारे में निर्णय लेगा. हालांकि एलडीए के अधिकारी अफजाल अंसारी के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए. प्राधिकरण के एक इंजीनियर ने बताया कि प्रकरण बड़े लोगों से जुड़ा है, इसलिए मामले में उपाध्यक्ष शिवाकांत द्विवेदी ही फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि नक्शा निरस्त होने के बाद सांसद अफजाल की बिल्डिंग अवैध हो जाएगी, जिसके बाद एलडीए को इसे गिराने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं होगी.