लखनऊ : राजधानी के करीब 108 साल पुराने पक्के पुल (pucca bridge of lucknow) पर अनिश्चितकाल के लिए भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है. बहुत जल्द ही इस पुल की मरम्मत शुरू होगी. केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (Central Road Research Institute) की टीम पहले ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ पुल का निरीक्षण कर चुकी है. साथ ही यह ऐलान कर दिया है कि जनवरी तक जो बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक थी वह जारी रहेगी. बहुत जल्द ही पुल की मरम्मत शुरू की जाएगी.
पक्का पुल (लाल पुल) (Lal Pul of Lucknow) अब बड़े वाहनों के चलने लायक है या नहीं, इसकी जांच केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) ने भी की. पुल की स्थिति को देखते हुए पुल पर भारी वाहनों के चलाने की अनुमति नहीं दी गई है. दो सप्ताह पहले आईआईटी रुड़की की टीम (IIT Roorkee team) ने भी पुल की मजबूती की जांच कई तकनीकों की मदद से की थी. जिसकी रिपोर्ट पांच जनवरी को लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) हाईकोर्ट में रखेगा. जांच प्रक्रिया शुरू होने के बाद से पिछले 15 दिनों से पुल पर भारी वाहनों का आवागमन बंद था जो अब आगे भी जारी रहेगा.
पक्का पुल (Historical pucca bridge of Lucknow) की मजबूती परखने के लिए (To test the strength of a concrete bridge) लोक निर्माण विभाग की ओर बीती 13 दिसंबर को Central Road Research Institute (CRRI) को पत्र लिखा गया था. टीम ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एके सिंह के साथ करीब तीन घंटे तक पुल का निरीक्षण किया था. जांच के लिए सीआरआरआई के एक्सपर्ट प्रो. राजीव गोयल व वैज्ञानिक जीके साहू आए थे. पुल के नीचे और पुल के साइड की दीवारों की जांच को लेकर टीम ने नाव का उपयोग किया. मनीष वर्मा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने बताया कि टीम ने अभी पुल पर भारी वाहनों के चलाने की अनुमति नहीं दी है. दो सप्ताह पहले आईआईटी रुड़की के एक्सपर्ट की टीम ने भी जांच की थी. उनकी रिपोर्ट को हाईकोर्ट में रखी जानी है. अभी पुल पर भारी वाहनों का आवागमन बंद रहेगा. फिलहाल पुल जर्जर घोषित नहीं किया है. टीम ने पुल की मरम्मत के बाद हल्के वाहनों के लिए सही माना है. टीम ने पुल की रेलिंग और साइड दीवार व पिलर में हल्के क्रेक की मरम्मत के सुझाव दिए हैं. साथ ही साइड दीवार में जगह-जगह उगे पेड़ और झाड़ियां कटवाने व पुल के ऊपर से जा रहे पानी के पाइपलाइन का लीकेज ठीक कराने को कहा है.
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