लखनऊ : उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले संग्रहालय, पुरातत्व इकाइयों तथा अभिलेखागार में संग्रहित कलाकृतियां, अभिलेख को संरक्षण, डिस्टेरलाइजेशन, शोध कार्य एवं प्रशासन आदि को बढ़ावा देने के लिए नेशनल ट्रस्ट का प्रमोशन ऑफ नॉलेज के बीच सोमवार को पर्यटन विभाग के मुख्यालय में एक एमओयू हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह मौजूद रहे. जिनकी अध्यक्षता में नेशनल ट्रस्ट का प्रमोशन एंड नॉलेज और संस्कृति विभाग के बीच में यह एमओयू किया गया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर पुलिस महानिदेशक विजय कुमार पर्यटन एवं संस्कृति प्रमुख के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम मौजूद थे.
सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन : मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 'इस समझौता ज्ञापन से उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के अधीन संचालित सभी 17 संग्रहालय, पुरातत्व इकाइयों तथा अभिलेखागारों में संकलित धरोहरों का संरक्षण, 3डी मैपिंग, शोध कार्य में मदद मिलेगा, जिससे जनमानस के लिए उनसे जुड़ी जानकारी के प्रकाशन का काम नेशनल ट्रस्ट का प्रमोशन ऑफ नॉलेज संस्था के द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट द्वारा संचालित विभाग की अधीनस्थ इकाइयों के साथ संयुक्त रूप से सेमिनार और वर्कशॉप आदि का आयोजन किया जाएगा.'
पांच साल तक वैध रहेगा एमओयू : इस कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'संग्रहालय और अभिलेख कार्यों तथा राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित पुरातन स्थलों के विकास के लिए भारत सरकार की कई योजनाओं से अनुदान तथा सीएसआर फंड जारी होता है. इसके तहत इस एमओयू को किया गया है जो अगले पांच साल तक वैध रहेगा. उन्होंने बताया कि नेशनल ट्रस्ट का प्रमोशन एंड नॉलेज इंडियन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी विभाग के तहत संचालित होता है. यह देश की एक जानी-मानी संस्था है, जो देश के ऐसे स्थल जो धार्मिक पुरातत्व या ऐतिहासिक महत्व रखते हैं उनको संरक्षित करने के साथ ही उनका पूरा डिजिटल इनफॉरमेशन तैयार करती है. इस एमओयू के होने के साथ नेशनल ट्रस्ट ऑफ प्रमोशन की नॉलेज प्रदेश के सभी 17 संग्रहालयों और यहां मौजूद पुरातत्व इमारतों का डिजिटलाइजेशन करने के साथ ही उनकी पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा. जिसे संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.'