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'यूपी एपीकॉन'-2019 में शामिल किए जाएंगे अब तक के सबसे अधिक रिसर्च पेपर - चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया

राजधानी लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया द्वारा यूपी एपिकॉन-2019 का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 20 से 22 सितम्बर तक के लिए किया जा रहा है, जहां 900 से अधिक डॉक्टर और विद्यार्थी शामिल होंगे.

अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर.
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Published : Sep 20, 2019, 10:18 AM IST

लखनऊ: यूपी चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया द्वारा 'यूपी एपिकॉन'- 2019 का आयोजन 20 सितंबर से 22 सितंबर तक किया जा रहा है. यह आयोजन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है. इसकी जानकारी देने के लिए केजीएमए के कलाम सेंटर में आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.

यूपी एपीकॉन 2019 का आयोजन.
आयोजन में 900 से भी अधिक डॉक्टर विद्यार्थी हो रहे शामिलकेजीएमयू के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र आतम ने बताया कि यूपी एपीकॉन- 2019 में यूपी से लगभग 900 से भी अधिक डॉक्टर विद्यार्थी और विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं. इस सेमिनार के मुख्य अतिथि आईसीएमआर नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव रहेंगे. वहीं लगभग 150 रिसर्च पेपर भी अलग-अलग विषयों से संबंधित शोधार्थी प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह इतनी बड़ी संख्या में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन में रजिस्ट्रेशन का आना हमारे लिए एक बेहद अच्छी बात है. यह दिखाता है कि अभी भी लोग रिसर्च कर नई बातें जानने और नए इलाज को करने के प्रति आगे आ रहे हैं.

बीमारियों के प्रति किया जाएगा जागरूक
इस सेमिनार के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से भी अलग-अलग विभागों के प्रोफेसर और विशेषज्ञ कई अलग-अलग बातों पर चर्चा करेंगे. यहां एक वर्कशॉप भी की जाएगी जो विशेषज्ञों और विद्यार्थियों के साथ आम जनमानस में भी तमाम तरह की बीमारियों के प्रति जानने और समझने के लिए जागरूकता बढ़ाएगी. डॉ. हिमांशु ने बताया कि केजीएमयू के रह्यूमटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपम वाखलू बोन मिनिरल डेंसिटी के बारे में चर्चा करेंगे. यह सीनियर सिटीजन और खासकर महिलाओं में कूल्हे के फ्रैक्चर का मुख्य कारण होता है.

इसे भी पढ़ें:- केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ मंडल में 1300 करोड़ के विकास कार्यों का किया शुभारंभ

बीमारियों के अलग-अलग विषयों पर की जाएगी चर्चा
न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एच. एस. मल्होत्रा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के बारे में चर्चा करेंगे, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हो रहा है. इसके अलावा आई.एम.एस बीएचयू से मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. मधुकर राय पेरिमेनोपजल सिंड्रोम के बारे में बात करेंगे. यह मोनोपॉज के बाद होता है. एसजीपीजीआई लखनऊ से डॉक्टर अमित गोयल हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में जानकारी देंगे. साथ ही एक नई डॉयरेक्ट एक्टिंग एंटीवायरस दवा के उपयोग पर चर्चा करेंगे, जो हेपेटाइटिस सी के उपचार में सहयोगी होती है.

कई जिलो के शोधार्थी प्रस्तुत करेंगे रिसर्च पेपर
यह सेमिनार तीन दिवसीय है, जो कि अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की जाएगी. इसमें न केवल केजीएमसी बल्कि बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, झांसी, प्रयागराज, गोरखपुर, फैजाबाद और यहां तक कि रोहतक के आसपास के क्षेत्रों से भी शोधार्थी नए-नए विषयों पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत करने वाले हैं.

लखनऊ: यूपी चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया द्वारा 'यूपी एपिकॉन'- 2019 का आयोजन 20 सितंबर से 22 सितंबर तक किया जा रहा है. यह आयोजन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है. इसकी जानकारी देने के लिए केजीएमए के कलाम सेंटर में आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.

यूपी एपीकॉन 2019 का आयोजन.
आयोजन में 900 से भी अधिक डॉक्टर विद्यार्थी हो रहे शामिलकेजीएमयू के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र आतम ने बताया कि यूपी एपीकॉन- 2019 में यूपी से लगभग 900 से भी अधिक डॉक्टर विद्यार्थी और विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं. इस सेमिनार के मुख्य अतिथि आईसीएमआर नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव रहेंगे. वहीं लगभग 150 रिसर्च पेपर भी अलग-अलग विषयों से संबंधित शोधार्थी प्रस्तुत करेंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह इतनी बड़ी संख्या में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन में रजिस्ट्रेशन का आना हमारे लिए एक बेहद अच्छी बात है. यह दिखाता है कि अभी भी लोग रिसर्च कर नई बातें जानने और नए इलाज को करने के प्रति आगे आ रहे हैं.

बीमारियों के प्रति किया जाएगा जागरूक
इस सेमिनार के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से भी अलग-अलग विभागों के प्रोफेसर और विशेषज्ञ कई अलग-अलग बातों पर चर्चा करेंगे. यहां एक वर्कशॉप भी की जाएगी जो विशेषज्ञों और विद्यार्थियों के साथ आम जनमानस में भी तमाम तरह की बीमारियों के प्रति जानने और समझने के लिए जागरूकता बढ़ाएगी. डॉ. हिमांशु ने बताया कि केजीएमयू के रह्यूमटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपम वाखलू बोन मिनिरल डेंसिटी के बारे में चर्चा करेंगे. यह सीनियर सिटीजन और खासकर महिलाओं में कूल्हे के फ्रैक्चर का मुख्य कारण होता है.

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बीमारियों के अलग-अलग विषयों पर की जाएगी चर्चा
न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एच. एस. मल्होत्रा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के बारे में चर्चा करेंगे, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हो रहा है. इसके अलावा आई.एम.एस बीएचयू से मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. मधुकर राय पेरिमेनोपजल सिंड्रोम के बारे में बात करेंगे. यह मोनोपॉज के बाद होता है. एसजीपीजीआई लखनऊ से डॉक्टर अमित गोयल हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में जानकारी देंगे. साथ ही एक नई डॉयरेक्ट एक्टिंग एंटीवायरस दवा के उपयोग पर चर्चा करेंगे, जो हेपेटाइटिस सी के उपचार में सहयोगी होती है.

कई जिलो के शोधार्थी प्रस्तुत करेंगे रिसर्च पेपर
यह सेमिनार तीन दिवसीय है, जो कि अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की जाएगी. इसमें न केवल केजीएमसी बल्कि बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, झांसी, प्रयागराज, गोरखपुर, फैजाबाद और यहां तक कि रोहतक के आसपास के क्षेत्रों से भी शोधार्थी नए-नए विषयों पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत करने वाले हैं.

Intro:लखनऊ। यूपी चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया द्वारा यूपी एपिकॉन 2019 का आयोजन 20 सितंबर से 22 सितंबर तक किया जा रहा है यह आयोजन किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग द्वारा अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। इसकी जानकारी देने के लिए केजीएमए के कलाम सेंटर में आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।


Body:वीओ1 केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र आतम ने बताया कि यूपी एपिकॉन 2019 में यूपी से लगभग 900 से भी अधिक डॉक्टर विद्यार्थी और विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं इस सेमिनार के मुख्य अतिथि आईसीएमआर नई दिल्ली के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव रहेंगे वहीं लगभग 150 रिसर्च पेपर भी अलग-अलग विषयों से संबंधित शोधार्थी प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह इतनी बड़ी संख्या में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन में रजिस्ट्रेशंस का आना हमारे लिए एक बेहद अच्छी बात है। यह दिखाता है कि अभी भी लोग रिसर्च कर नई बातें जानने और नए इलाज को करने के प्रति आगे आ रहे हैं। इस सेमिनार के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ डी हिमांशु ने बताया कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से भी अलग-अलग विभागों के प्रोफेसर और विशेषज्ञ कई अलग-अलग बातों पर चर्चा करेंगे जानकारी देंगे और साथ ही यहां एक वर्कशॉप भी की जाएगी जो विशेषज्ञों और विद्यार्थियों के साथ आम जनमानस में भी तमाम तरह की बीमारियों के प्रति जानने और समझने के लिए जागरूकता बढ़ाएगी। डॉ हिमांशु ने बताया कि केजीएमयू के रह्यूमटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनुपम वाखलू बोन मिनिरल डेंसिटी के बारे में चर्चा करेंगे। यह सीनियर सिटीजंस और खासकर महिलाओं में कूल्हे के फ्रैक्चर का मुख्य कारण होता है। इसके अलावा न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ एच एस मल्होत्रा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के बारे में चर्चा करेंगे क्योंकि यह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हो रहा है। इसके अलावा आई एम एस बीएचयू से मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ मधुकर राय पेरिमेनोपजल सिंड्रोम के बारे में बात करेंगे। यह मोनोपॉज के बाद होता है। एसजीपीजीआई लखनऊ से डॉक्टर अमित गोयल हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही एक नई डायरेक्ट एक्टिंग एंटीवायरस दवा के उपयोग पर चर्चा करेंगे जो हेपेटाइटिस सी के उपचार में सहयोगी होती है।


Conclusion:यह सेमिनार तीन दिवसीय है जो कि अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की जाएगी। इसमें न केवल केजीएमसी बल्कि बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, झांसी, प्रयागराज, गोरखपुर, फैजाबाद और यहां तक कि रोहतक के आसपास के क्षेत्रों से भी शोधार्थी नए नए विषयों पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत करने वाले हैं। बाइट- डॉ वीरेंद्र आतम, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग केजीएमयू बाइट- डॉ डी हिमांशु, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री यूपी एपिकॉन 2019 रामांशी मिश्रा
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