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यूपी में आधे से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन

उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों में से 50 फीसद से भी अधिक मरीज होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. प्रदेश में 57 हजार 598 कुल एक्टिव केस हैं, इनमें से 29 हजार 588 होम आइसोलेशन में हैं. वहीं प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 5776 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं.

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अमित मोहन प्रसाद
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Published : Sep 3, 2020, 7:30 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 5776 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं. इस प्रकार अबतक प्रदेश में दो लाख 47 हजार 101 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से ठीक होने वालों की संख्या एक लाख 85 हजार 812 हो गई है. प्रदेश में संक्रमित व्यक्तियों में से कुल 3691 लोगों की मृत्यु हुई है. बुधवार को प्रदेश में एक लाख 36 हजार 803 सैंपल की जांच की गई, इनमें 90262 एंटीजन के माध्यम से जांच हुई. बाकी के टेस्ट आरटीसीपीसीआर और ट्रूनेट के माध्यम से किए गए. प्रदेश में अब कुल टेस्टिंग की संख्या बढ़कर 60 लाख 50 हजार 450 हो गई है.

कोरोना मरीजों में से 50 फीसद से भी अधिक लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. प्रदेश में 57 हजार 598 कुल एक्टिव केस हैं. इनमें से 29 हजार 588 होम आइसोलेशन में हैं. एक लाख 11 हजार 453 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है. इनमें से 81 हजार 865 लोग होम आइसोलेशन का विकल्प पूरा कर चुके हैं.

निजी अस्पतालों में 2558 लोग अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं 255 लोग सेमी पेड फैसिलिटी का लाभ ले रहे हैं. इस व्यवस्था में सरकारी डॉक्टर इलाज करते हैं. प्राइवेट अस्पतालों के लिए अधिकतम शुल्क लिए जाने की सीमा सरकार की तरफ से निर्धारित की गई है. डॉ. विनोद पाल कमेटी की संस्तुतियों के आधार पर सरकार ने शुल्क निर्धारण किया है. उसमें कहीं कहीं भ्रम की स्थिति हो रही थी. इसलिए गुरुवार को इसके बारे में पुनः सरकार ने स्पष्ट किया है.

ज्यादा शुल्क लेने वाले निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि निजी अस्पतालों के लिए कोरोना मरीजों से लिये जाने वाले शुल्क का जो पैकेज निर्धारित किया गया है. उसमें सब कुछ शामिल है. अतिरिक्त चार्ज का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. अस्पतालों से भी अपील है कि वे गलत पैसा न लें. अन्यथा एपिडेमिक एक्ट के अंतर्गत उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

लॉकडाउन में टीकाकरण प्रभावित
बच्चों के टीकाकरण के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान इस प्रक्रिया में व्यवधान हुआ था. आंकड़ों को देख महसूस हुआ कि कुछ बच्चे टीकाकरण से छूट गए होंगे. सरकार की लोगों से अपील है कि लोग अपने बच्चों के टीकाकरण को ध्यान रखें. सभी पीएचसी, सीएचसी खुले हुए हैं. विलेज हेल्थ न्यूट्रिशन डे अब कार्यरत है. हर बुधवार और शनिवार को एएनएम गांव में जाती हैं. टीकाकरण करती हैं. अगर किसी कारण से बच्चे का टीकाकरण छूट गया हो तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर टीकाकरण कराया जा सकता है. बच्चों के लिए टीकाकरण जरूरी है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 5776 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं. इस प्रकार अबतक प्रदेश में दो लाख 47 हजार 101 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से ठीक होने वालों की संख्या एक लाख 85 हजार 812 हो गई है. प्रदेश में संक्रमित व्यक्तियों में से कुल 3691 लोगों की मृत्यु हुई है. बुधवार को प्रदेश में एक लाख 36 हजार 803 सैंपल की जांच की गई, इनमें 90262 एंटीजन के माध्यम से जांच हुई. बाकी के टेस्ट आरटीसीपीसीआर और ट्रूनेट के माध्यम से किए गए. प्रदेश में अब कुल टेस्टिंग की संख्या बढ़कर 60 लाख 50 हजार 450 हो गई है.

कोरोना मरीजों में से 50 फीसद से भी अधिक लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. प्रदेश में 57 हजार 598 कुल एक्टिव केस हैं. इनमें से 29 हजार 588 होम आइसोलेशन में हैं. एक लाख 11 हजार 453 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है. इनमें से 81 हजार 865 लोग होम आइसोलेशन का विकल्प पूरा कर चुके हैं.

निजी अस्पतालों में 2558 लोग अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं 255 लोग सेमी पेड फैसिलिटी का लाभ ले रहे हैं. इस व्यवस्था में सरकारी डॉक्टर इलाज करते हैं. प्राइवेट अस्पतालों के लिए अधिकतम शुल्क लिए जाने की सीमा सरकार की तरफ से निर्धारित की गई है. डॉ. विनोद पाल कमेटी की संस्तुतियों के आधार पर सरकार ने शुल्क निर्धारण किया है. उसमें कहीं कहीं भ्रम की स्थिति हो रही थी. इसलिए गुरुवार को इसके बारे में पुनः सरकार ने स्पष्ट किया है.

ज्यादा शुल्क लेने वाले निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि निजी अस्पतालों के लिए कोरोना मरीजों से लिये जाने वाले शुल्क का जो पैकेज निर्धारित किया गया है. उसमें सब कुछ शामिल है. अतिरिक्त चार्ज का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. अस्पतालों से भी अपील है कि वे गलत पैसा न लें. अन्यथा एपिडेमिक एक्ट के अंतर्गत उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

लॉकडाउन में टीकाकरण प्रभावित
बच्चों के टीकाकरण के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान इस प्रक्रिया में व्यवधान हुआ था. आंकड़ों को देख महसूस हुआ कि कुछ बच्चे टीकाकरण से छूट गए होंगे. सरकार की लोगों से अपील है कि लोग अपने बच्चों के टीकाकरण को ध्यान रखें. सभी पीएचसी, सीएचसी खुले हुए हैं. विलेज हेल्थ न्यूट्रिशन डे अब कार्यरत है. हर बुधवार और शनिवार को एएनएम गांव में जाती हैं. टीकाकरण करती हैं. अगर किसी कारण से बच्चे का टीकाकरण छूट गया हो तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर टीकाकरण कराया जा सकता है. बच्चों के लिए टीकाकरण जरूरी है.

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