लखनऊ : यूपी में कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. प्रदेश सरकार राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि प्रदेश में दवाओं, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कोई कमी नहीं है. बावजूद इसके लगातार राजधानी में बड़ी तादाद में मरीज ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड न मिलने के कारण मर रहे हैं. यही कारण है कि राजधानी के श्मशान घाटों पर इन मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं.
शनिवार को 34 मरीजों की मौत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ में शनिवार को 3125 मरीज संक्रमित पाए गए, जबकि 34 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई. वहीं जमीनी हकीकत पर नजर डाली जाए तो राजधानी के भैसा कुंड, गुलाला घाट और आलमबाग के बैकुंठ धाम सहित कई श्मशान घाटों पर 150 से अधिक डेड बॉडी देर रात तक आई. यहां पूरी रात अंतिम संस्कार का कार्यक्रम चलता रहा.
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सैनिटाइजेशन अभियान जारी
राजधानी में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के नेतृत्व में सैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, सूचना आयोग, निर्माण निगम, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ विकास प्राधिकरण सहित 220 से अधिक भवनों को सैनिटाइज किया गया. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान में 3500 से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है, जो लगातार गली मोहल्लों में जाकर सैनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं, जिससे संक्रमण को रोका जा सके.