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कमलेश तिवारी हत्याकांड : हाईकोर्ट ने मोहसिन सलीम शेख की जमानत याचिका की खारिज

लाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कमलेश तिवारी हत्याकांड के अभियुक्त मोहसिन सलीम शेख की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने ट्रायल जल्द पूरा करने का आदेश भी दिया है.

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Published : Jul 30, 2021, 10:53 PM IST

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कमलेश तिवारी हत्याकांड के अभियुक्त मोहसिन सलीम शेख की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट हिंदुवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले का ट्रायल जल्द पूरा करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही पुलिस आयुक्त, लखनऊ और संयुक्त निदेशक, अभियोजन को गवाहों की परीक्षण न्यायालय के समक्ष उपस्थिति सुनिश्चित कराने के भी आदेश दिए हैं. न्यायालय ने अपने आदेश की प्रति परीक्षण न्यायालय, पुलिस आयुक्त व संयुक्त निदेशक, अभियोजन को भी भेजने के आदेश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त मोहसिन सलीम शेख की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि 18 अक्टूबर 2019 को हुई हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या में उसे झूठा फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य नहीं है और मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, लिहाजा अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.

वहीं सरकारी वकील अनिरुद्ध कुमार सिंह और उमेश शुक्ला ने जमानत का विरोध किया. उनकी दलील थी कि याची घटना के सम्बंध घटना को अंजाम देने वाले दो अभियुक्तों अशफाक और मोइनुद्दीन के लगातार सम्पर्क में था. अशफाक ने कमलेश की हत्या को अंजाम देने के बाद याची को फोन से ‘काम हो जाने’ की सूचना भी दी थी. कहा गया कि कॉल डिटेल से यह बात स्पष्ट है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि उक्त घटना को बहुत ही क्रूरता से अंजाम दिया गया था. मृतक के शरीर पर 10 जानलेवा चोटें पहुंचाई गई थीं.

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कमलेश तिवारी हत्याकांड के अभियुक्त मोहसिन सलीम शेख की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट हिंदुवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले का ट्रायल जल्द पूरा करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही पुलिस आयुक्त, लखनऊ और संयुक्त निदेशक, अभियोजन को गवाहों की परीक्षण न्यायालय के समक्ष उपस्थिति सुनिश्चित कराने के भी आदेश दिए हैं. न्यायालय ने अपने आदेश की प्रति परीक्षण न्यायालय, पुलिस आयुक्त व संयुक्त निदेशक, अभियोजन को भी भेजने के आदेश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त मोहसिन सलीम शेख की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि 18 अक्टूबर 2019 को हुई हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या में उसे झूठा फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य नहीं है और मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, लिहाजा अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.

वहीं सरकारी वकील अनिरुद्ध कुमार सिंह और उमेश शुक्ला ने जमानत का विरोध किया. उनकी दलील थी कि याची घटना के सम्बंध घटना को अंजाम देने वाले दो अभियुक्तों अशफाक और मोइनुद्दीन के लगातार सम्पर्क में था. अशफाक ने कमलेश की हत्या को अंजाम देने के बाद याची को फोन से ‘काम हो जाने’ की सूचना भी दी थी. कहा गया कि कॉल डिटेल से यह बात स्पष्ट है. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि उक्त घटना को बहुत ही क्रूरता से अंजाम दिया गया था. मृतक के शरीर पर 10 जानलेवा चोटें पहुंचाई गई थीं.

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