लखनऊः उत्तर प्रदेश के मदरसा शिक्षकों ने केंद्र सरकार से वेतन देने की गुहार लगाई है. पिछले चार वर्ष से मानदेय नहीं मिलने पर यूपी के मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक विरोध प्रदर्शन से लेकर राजधानी लखनऊ में धरना तक दे चुके है. कोरोना के बाद से बिगड़े हालात के बाद अब यूपी के मदरसा शिक्षकों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सहित शिक्षा मंत्री से मिलकर वेतन देने की गुहार लगाई है.
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने बुधवार को बताया कि उनके एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में राष्ट्रपति महोदय, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव को मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के चार साल के बकाया मानदेय के भुगतान को लेकर ज्ञापन दिया है. उन्होंने बताया कि बीते 4 सालों से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का मानदेय जारी नहीं हुआ है.
एजाज अहमद ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय से इस योजना के मिनिस्ट्री ऑफ माइनारिटी अफेयर्स मंत्रालय में हस्तांतरित हुए 3 महीने से भी ज्यादा समय हो गया. इसके बावजूद भी इस कोरोना महामारी में भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इस योजना पर कोई काम नहीं किया और मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का बकाया केन्द्राश जारी नहीं किया. जिसकी वजह से मदरसा शिक्षक भुखमरी के कगार पर है. उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षक अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मंत्री और अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव से भी मिल चुके हैं, इसके बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई. एजाज अहमद ने कहा कि सरकार से मांग की गई है कि जल्द से जल्द मदरसा शिक्षकों का केंद्राश मानदेय जारी किया जाए और मंहगाई को देखते मानदेय भी बढ़ाया जाए.
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बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना लागू की गई थी. इस योजना के अंतर्गत मदरों से गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. इन शिक्षकों का मानदेय केंद्र और राज्य सरकार की ओर जारी किया जाता है. मदरसों में कार्यरत आधुनिक शिक्षकों को केंद्रांश के तौर पर 12 हजार और राज्यांश के तौर पर 3 हजार रुपये मिलते हैं. लेकिन पिछले 4 सालों से यूपी के मदरसों में कार्यरत 25 हजार शिक्षकों को केंद्राश वेतन नहीं जारी किया गया है.