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Kalyan Singh Cancer Institute : संस्थान में जल्द लगेंगी आधुनिक जांच मशीनें, मिलेगा इलाज - संस्थान में जल्द लगेंगी आधुनिक मशीनें

राजधानी के कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान (Kalyan Singh Cancer Institute) में बहुत जल्द ही आधुनिक सुविधाओं के साथ मरीजों का इलाज करने में सक्षम हो सकेगा. संस्थान में जल्द ही कई जांच मशीनें स्थापित की जाएंगी.

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Published : Jan 19, 2023, 12:25 PM IST

लखनऊ : चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में मरीजों को आधुनिक मशीनों से इलाज मिलेगा. संस्थान के रेडियोथेरेपी विभाग में करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक मशीनें खरीदी जाएंगी. इसकी प्रक्रिया आखिरी दौर में है. यह जानकारी कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने दी. वह कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के पहले स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. रेडिएशन आंकोलॉजी भवन में कार्यक्रम हुआ.

इस दौरान निदेशक डॉ. आरके धीमान ने कहा कि "संस्थान में ब्रेकी थेरेपी मशीन नहीं है. इसे खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से मशीन क्रय की जाएगी. इससे जीभ, गाल, स्तन व बच्चेदानी समेत दूसरे अंगे के कैंसर का सटीक इलाज होगा." उन्होंने कहा कि "कैथेटर के जरिए रेडिएशन आइसोटोप ट्यूमर तक ले जाया जाता है. इससे ट्यूमर व कैंसर कोशिकाओं पर सीधे वार होगा. इसके अलावा एमआरआई, डिजिटल मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड समेत दूसरी मशीनें आ रही हैं."

डॉ. आरके धीमान ने कहा कि "जल्द ही संस्थान पूरी क्षमता से संचालित होगा. अभी रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग में दो लीनैक मशीनें जल्द ही स्थापित होंगी. रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह ने बताया कि "अभी दो लीनैक मशीनों में रोजाना करीब 100 कैंसर मरीजों की सिंकाई हो रही है. एक साल में 1600 कैंसर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा चुका है." रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. प्रमोद गुप्ता ने बताया कि "कैंसर मरीजों को आधुनिक तकनीक से इलाज मुहैया कराया जा रहा है. नतीजतन मरीजों को इलाज के कम दुष्प्रभाव हो रहे हैं. इलाज से बीमारी जल्द काबू में आ रही है.' उन्होंने कहा कि "कैंसर मरीजों को इलाज के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. अभी भी 60 से 70 फीसदी मरीज समय पर अस्पताल नहीं आ रहे हैं. तीसरी या चौथे स्टेज में आने वाले मरीजों का इलाज कठिन होता है. लक्षणों को पहचान कर शुरूआती अवस्था में इलाज कराएं. इससे कैंसर का मुकाबला करना आसान होगा." एम्स ऋषिकेश के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने कैंसर के मरीजों के मुकाबले संसाधनों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान लोहिया संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधूप रस्तोगी, डॉ. सबुही कुरैशी समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : Engineering Student Commits Suicide: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हॉस्टल में छात्रा ने सुसाइड किया

लखनऊ : चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में मरीजों को आधुनिक मशीनों से इलाज मिलेगा. संस्थान के रेडियोथेरेपी विभाग में करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक मशीनें खरीदी जाएंगी. इसकी प्रक्रिया आखिरी दौर में है. यह जानकारी कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने दी. वह कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के पहले स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. रेडिएशन आंकोलॉजी भवन में कार्यक्रम हुआ.

इस दौरान निदेशक डॉ. आरके धीमान ने कहा कि "संस्थान में ब्रेकी थेरेपी मशीन नहीं है. इसे खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से मशीन क्रय की जाएगी. इससे जीभ, गाल, स्तन व बच्चेदानी समेत दूसरे अंगे के कैंसर का सटीक इलाज होगा." उन्होंने कहा कि "कैथेटर के जरिए रेडिएशन आइसोटोप ट्यूमर तक ले जाया जाता है. इससे ट्यूमर व कैंसर कोशिकाओं पर सीधे वार होगा. इसके अलावा एमआरआई, डिजिटल मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड समेत दूसरी मशीनें आ रही हैं."

डॉ. आरके धीमान ने कहा कि "जल्द ही संस्थान पूरी क्षमता से संचालित होगा. अभी रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग में दो लीनैक मशीनें जल्द ही स्थापित होंगी. रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह ने बताया कि "अभी दो लीनैक मशीनों में रोजाना करीब 100 कैंसर मरीजों की सिंकाई हो रही है. एक साल में 1600 कैंसर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा चुका है." रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. प्रमोद गुप्ता ने बताया कि "कैंसर मरीजों को आधुनिक तकनीक से इलाज मुहैया कराया जा रहा है. नतीजतन मरीजों को इलाज के कम दुष्प्रभाव हो रहे हैं. इलाज से बीमारी जल्द काबू में आ रही है.' उन्होंने कहा कि "कैंसर मरीजों को इलाज के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. अभी भी 60 से 70 फीसदी मरीज समय पर अस्पताल नहीं आ रहे हैं. तीसरी या चौथे स्टेज में आने वाले मरीजों का इलाज कठिन होता है. लक्षणों को पहचान कर शुरूआती अवस्था में इलाज कराएं. इससे कैंसर का मुकाबला करना आसान होगा." एम्स ऋषिकेश के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने कैंसर के मरीजों के मुकाबले संसाधनों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान लोहिया संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधूप रस्तोगी, डॉ. सबुही कुरैशी समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे.

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