लखनऊ : चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ में रेडियोलॉजिकल आपात को लेकर एसडीआरएफ और एयरपोर्ट प्रशासन ने संयुक्त मॉक ड्रिल की. एसडीआरएफ सेनानायक डॉ. सतीश कुमार के निर्देशन में निरीक्षक लालचंद यादव और सुशील कुमार की 28 सदस्यीय टीम ने मॉक अभ्यास में राहत और बचाव कार्य संपन्न कराया. इस दौरान यात्रियों के राहत-बचाव कार्य को बखूबी अंजाम दिया गया. मॉक ड्रिल में रेडियोलॉजिकल आपदा को लेकर दर्शाया गया कि पार्सल ट्रैक्टर जैसे ही एयरपोर्ट पर पार्सल लेकर पहुंचा, तभी सर्चिंग एजेंसी को अलार्म के माध्यम से रेडियो एक्टिव पदार्थ होने की जानकारी दी गई. यह जानकारी मिलते ही इसकी सूचना सीआईएसफ कंट्रोल रूम को दी गई. इसके बाद सीआईएसफ कंट्रोल रूम ने एसडीआरएफ के अलावा सभी संबंधित विभागों को आपात क्रिया के लिए सूचित किया.
इस सूचना पर एसडीआरएफ टीम, एनडीआरएफ टीम, अग्निशमन व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य टीमें घटनास्थल पर पहुंची और ऑपरेशन का बेस, कमाण्ड पोस्ट, मेडिकल पोस्ट व कम्युनिकेशन पोस्ट स्थापित किए गए. बाद में सीआईएसफ से घटना की पूरी जानकारी लेकर एसडीआरएफ सहित सभी विभागों की टीमों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव ऑपरेशन शुरू कर दिया. जहां विभिन्न प्रकार के उपकरणों की मदद से जीवन रक्षक कौशल का प्रदर्शन करते हुए रेडियोएक्टिव पदार्थ के संपर्क में आए पीड़ित व्यक्ति का आननफानन प्राथमिक उपचार कर उसे एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेज दिया गया.
एसडीआरएफ निरीक्षक लालचंद यादव ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना और संसाधनों की दक्षता की जांच करना था. जिससे कि रेडियोलॉजिकल आपदा के दौरान कार्रवाई करते हुए लोगों को बचाया जा सके. एसडीआरएफ निरीक्षक ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम आपदाओं से निपटने के लिए लगातार अभ्यास करती रहती है. इसी कड़ी में लखनऊ एयरपोर्ट पर रेडियो लॉजिकल आपदा से निपटने के लिए अभ्यास किया. इस दौरान एनडीआरफ, सीआईएफ तथा अडानी सिक्योरिटी व फायर विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहे.
यह भी पढ़ें : लखनऊ एयरपोर्ट पर माॅकड्रिल, एनएसजी ने बंधक बनाए गए यात्रियों को छुड़ाकर दिखाया
लखनऊ एयरपोर्ट टर्मिनल पर काम कर रहे मजदूर की बिल्डिंग से गिरकर हुई मौत