लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष अपहरण के एक आपराधिक मामले में अभियुक्त विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण के पश्चात अमनमणि त्रिपाठी ने अपने खिलाफ जारी वारंट को निरस्त किये जाने की मांग की. इस पर विशेष जज पवन कुमार राय ने उनके खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करते हुए उन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया.
इस मामले में विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ कुर्की से पहले की कार्यवाही की नोटिस व गिरफ्तारी वारंट जारी था. शुक्रवार को अमनमणि ने आत्मसमर्पण कर अदालत से अपने खिलाफ जारी वारंट को रिकॉल करने की दरख्वास्त की. उल्लेखनीय है कि अमनमणि त्रिपाठी नौतनवा से निर्दलीय विधायक हैं. अपहरण का यह मामला राजधानी के गौतमपल्ली थाने से संबधित है.
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6 अगस्त, 2014 को इसकी एफआईआर गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय ने दर्ज कराई थी, जिसमें अमनमणि व उनके साथियों पर हत्या के लिए उसका अपहरण करने, रंगदारी मांगने और जानमाल की धमकी देने का आरोप लगाया था. 28 जुलाई, 2017 को इस मामले में अमनमणि त्रिपाठी समेत अन्य अभियुक्तों पर आरोप तय हुआ. सरकारी वकील मुनेष बाबू यादव के मुताबिक अदालत में इस मामले का ट्रायल अब अपने अंतिम दौर में है.