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बंद पड़े कारखाने तैयार में किए जा रहे हैं कंबल, पूरे कोरोना कॉल में चलती रही मशीन

देशभर में कोरोना वायरस के चलते जहां कई कारखाने फैक्ट्रियां बंद हो गए तो, वहीं मिर्जापुर ग्रामोद्योग विभाग में स्थित पिछले एक दशक से बंद पड़ा कंबल कारखाने में मशीनों की ठक ठक कि आवाज एक बार फिर से सुनाई देने लगी है.

मिर्जापुर कंबल कारखाना.
मिर्जापुर कंबल कारखाना.
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Published : Dec 3, 2021, 9:16 AM IST

Updated : Dec 3, 2021, 8:14 PM IST

मिर्जापुर : देशभर में कोरोना वायरस के चलते जहां कई कारखाने फैक्ट्रियां बंद हो गए तो, वहीं मिर्जापुर ग्रामोद्योग विभाग में स्थित पिछले एक दशक से बंद पड़ा कंबल कारखाने में मशीनों की ठक ठक कि आवाज एक बार फिर से सुनाई देने लगी है. इस कंबल कारखाने में अमेठी, गोरखपुर, गाजीपुर के साथ मिर्जापुर के बने कंबलों की फिनसिंग भी की जाती है. इसके बाद यहां से शासन के द्वारा आर्डर मिलता है तो सप्लाई की जाती है. बंद पड़े कंबल कारखाने के खुल जाने से कारीगरों में खुशी है.

कारीगरों का कहना है कि अब उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है. कारीगरों को अपने ही शहर में ही काम मिल जा रहा है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि ठंड शुरू हो गई है. कंबल तैयार है. जल्द ही विभाग से सप्लाई का आर्डर मिलेगा.

मिर्जापुर कंबल कारखाना.

मिर्जापुर कंबल की पूरे प्रदेश होती है डिमांड

मिर्जापुर के पथरिया रोड में स्थित कंबल कारखाना कभी उत्तर प्रदेश की एक पहचान थी. यहां के बने कंबल सेना के जवान और अस्पतालों में सप्लाई किए जाते थे. पिछले एक दशक से बंद पड़े इस कंबल कारखाने को फिर से शुरू हो जाने से अब कारीगरों को रोजगार मिलना शुरू हो गया है. पुरानी मशीनों की मरम्मत करा कर काम शुरू करा दिया गया है. उत्पादन भी शुरू हो गया है. तैयार कंबल की डिमांड पूर्वांचल समेत उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में भी रहती है.

कंबल बनाता कारीगर.
कंबल बनाता कारीगर.

उच्च क्वालिटी के होते है कंबल

ग्रामोद्योग विभाग पिछले एक दशक से बंद पड़े कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति के बाद 2019 के आखिरी में चालू किया गया. पूरे कोरोना काल में जहां कई फैक्ट्रियां और कंपनियां बंद हो गईं, वहीं सरकार ने कारखाना चालू करने का निर्देश दिया तो मिर्जापुर का कंबल कारखाना चलता रहा. कोरोना वायरस के पूर्व ही इस कंबल कारखाने की मशीन की मरम्मत और काम कराना शुरू करा दिया था. जिला प्रशासन का कहना है कि अब कारखाने में काम हो रहा है और कारीगरों की मेहनत रंग ला रही है.

कंबल बनाता कारीगर.
कंबल बनाता कारीगर.

इसे भी पढ़ें- उपेक्षित विकास के कारण चुनार विधानसभा के लोग इसे बना रहे चुनावी मुद्दा

इस कारखाने के बने कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती है. निर्माण बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई थी. कंबल कारखाना दोबारा खुल जाने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिलेगा. कंबल तैयार करने में 67 प्रतिशत ऊन तथा 33 प्रतिशत फाइबर मिक्स का उपयोग किया जाता है.

कारीगर.
कारीगर.

जल्द मिलेगा ग्रामोद्योग विभाग से कंबल के आर्डर की सप्लाई

कंबल कारखाने की मशीनों के चलने से जनपद के विकास का पहिया एक बार फिर से घूमने लगा है. लगभग दो साल से कंबल कारखाने में काम किया जा रहा है. कई परिवारों को रोजगार मिल रहा है. लोगों को एक बार फिर जनपद में बेहतरीन कंबलों को ओढ़ने का मौका मिलेगा. ग्रामोद्योग विभाग के ऑर्डर का कंबल कारखाने को इंतजार है. तैयार किए गए कंबल के आर्डर मिल जाएंगे तो कंबल कारखाने की गति और तेज हो सकती है.

कंबल बनाता कारीगर.
कंबल बनाता कारीगर.

जिला प्रशासन लाखों कंबल ठंड में करता है वितरण

ठंड के मौसम में मिर्जापुर जिले के चार तहसील सदर, चुनार, लालगंज और मड़िहान में जिला प्रशासन गरीबों को लगभग दो लाख कंबल हर वर्ष गैर प्रांतों से मंगाकर वितरण करता है. इसी तरह मंडल से लेकर उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी कंबल का वितरण किया जाता है. कंबल कारखाने में बने कंबलों को लेकर गरीबों को वितरण किया जाए तो जिले के कारीगरों के साथ कंबल कारखाने में और तेजी आ सकती है.

तैयार कंबल.
तैयार कंबल.

इसे भी पढ़ें- इस बार के चुनाव में चुनार का पॉटरी उद्योग बन सकता है मुद्दा, तीन दशक से नेता कर रहे वादा

क्या कहते हैं अधिकारी

कंबल कारखाना संचालित करा रहे अधिकारी ने बताया कि 2019 के लास्ट समय से उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा एक दशक से बंद पड़े कारखाने को फिर से चालू करा दिया गया है. यहां पर कच्चा कंबल तैयार होने के साथ ही फिनिसिंग का भी काम होता है. इसके अलावा गोरखपुर, अमेठी, गाजीपुर से फिनिसिंग होकर जिले में आता है. फिर विभाग द्वारा लखनऊ से आर्डर मिलता है तो सप्लाई की जाती है. इस कारखाने में फिनिसिंग कंबल 4217 और कच्चा कंबल 1284 तैयार हैं. जल्द विभाग से आर्डर मिलेगा और सप्लाई की जाएगी.

मिर्जापुर : देशभर में कोरोना वायरस के चलते जहां कई कारखाने फैक्ट्रियां बंद हो गए तो, वहीं मिर्जापुर ग्रामोद्योग विभाग में स्थित पिछले एक दशक से बंद पड़ा कंबल कारखाने में मशीनों की ठक ठक कि आवाज एक बार फिर से सुनाई देने लगी है. इस कंबल कारखाने में अमेठी, गोरखपुर, गाजीपुर के साथ मिर्जापुर के बने कंबलों की फिनसिंग भी की जाती है. इसके बाद यहां से शासन के द्वारा आर्डर मिलता है तो सप्लाई की जाती है. बंद पड़े कंबल कारखाने के खुल जाने से कारीगरों में खुशी है.

कारीगरों का कहना है कि अब उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है. कारीगरों को अपने ही शहर में ही काम मिल जा रहा है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि ठंड शुरू हो गई है. कंबल तैयार है. जल्द ही विभाग से सप्लाई का आर्डर मिलेगा.

मिर्जापुर कंबल कारखाना.

मिर्जापुर कंबल की पूरे प्रदेश होती है डिमांड

मिर्जापुर के पथरिया रोड में स्थित कंबल कारखाना कभी उत्तर प्रदेश की एक पहचान थी. यहां के बने कंबल सेना के जवान और अस्पतालों में सप्लाई किए जाते थे. पिछले एक दशक से बंद पड़े इस कंबल कारखाने को फिर से शुरू हो जाने से अब कारीगरों को रोजगार मिलना शुरू हो गया है. पुरानी मशीनों की मरम्मत करा कर काम शुरू करा दिया गया है. उत्पादन भी शुरू हो गया है. तैयार कंबल की डिमांड पूर्वांचल समेत उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में भी रहती है.

कंबल बनाता कारीगर.
कंबल बनाता कारीगर.

उच्च क्वालिटी के होते है कंबल

ग्रामोद्योग विभाग पिछले एक दशक से बंद पड़े कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति के बाद 2019 के आखिरी में चालू किया गया. पूरे कोरोना काल में जहां कई फैक्ट्रियां और कंपनियां बंद हो गईं, वहीं सरकार ने कारखाना चालू करने का निर्देश दिया तो मिर्जापुर का कंबल कारखाना चलता रहा. कोरोना वायरस के पूर्व ही इस कंबल कारखाने की मशीन की मरम्मत और काम कराना शुरू करा दिया था. जिला प्रशासन का कहना है कि अब कारखाने में काम हो रहा है और कारीगरों की मेहनत रंग ला रही है.

कंबल बनाता कारीगर.
कंबल बनाता कारीगर.

इसे भी पढ़ें- उपेक्षित विकास के कारण चुनार विधानसभा के लोग इसे बना रहे चुनावी मुद्दा

इस कारखाने के बने कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती है. निर्माण बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई थी. कंबल कारखाना दोबारा खुल जाने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिलेगा. कंबल तैयार करने में 67 प्रतिशत ऊन तथा 33 प्रतिशत फाइबर मिक्स का उपयोग किया जाता है.

कारीगर.
कारीगर.

जल्द मिलेगा ग्रामोद्योग विभाग से कंबल के आर्डर की सप्लाई

कंबल कारखाने की मशीनों के चलने से जनपद के विकास का पहिया एक बार फिर से घूमने लगा है. लगभग दो साल से कंबल कारखाने में काम किया जा रहा है. कई परिवारों को रोजगार मिल रहा है. लोगों को एक बार फिर जनपद में बेहतरीन कंबलों को ओढ़ने का मौका मिलेगा. ग्रामोद्योग विभाग के ऑर्डर का कंबल कारखाने को इंतजार है. तैयार किए गए कंबल के आर्डर मिल जाएंगे तो कंबल कारखाने की गति और तेज हो सकती है.

कंबल बनाता कारीगर.
कंबल बनाता कारीगर.

जिला प्रशासन लाखों कंबल ठंड में करता है वितरण

ठंड के मौसम में मिर्जापुर जिले के चार तहसील सदर, चुनार, लालगंज और मड़िहान में जिला प्रशासन गरीबों को लगभग दो लाख कंबल हर वर्ष गैर प्रांतों से मंगाकर वितरण करता है. इसी तरह मंडल से लेकर उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी कंबल का वितरण किया जाता है. कंबल कारखाने में बने कंबलों को लेकर गरीबों को वितरण किया जाए तो जिले के कारीगरों के साथ कंबल कारखाने में और तेजी आ सकती है.

तैयार कंबल.
तैयार कंबल.

इसे भी पढ़ें- इस बार के चुनाव में चुनार का पॉटरी उद्योग बन सकता है मुद्दा, तीन दशक से नेता कर रहे वादा

क्या कहते हैं अधिकारी

कंबल कारखाना संचालित करा रहे अधिकारी ने बताया कि 2019 के लास्ट समय से उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा एक दशक से बंद पड़े कारखाने को फिर से चालू करा दिया गया है. यहां पर कच्चा कंबल तैयार होने के साथ ही फिनिसिंग का भी काम होता है. इसके अलावा गोरखपुर, अमेठी, गाजीपुर से फिनिसिंग होकर जिले में आता है. फिर विभाग द्वारा लखनऊ से आर्डर मिलता है तो सप्लाई की जाती है. इस कारखाने में फिनिसिंग कंबल 4217 और कच्चा कंबल 1284 तैयार हैं. जल्द विभाग से आर्डर मिलेगा और सप्लाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 3, 2021, 8:14 PM IST
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