लखनऊ : कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ-साथ सपा और बसपा पर भी हमलावर हो गई है. कांग्रेस की तरफ से स्पीक अप माइनोरिटी कैंपेन भी चलाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने वीडियो जारी कर सपा और बसपा से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि यूपी में क़ुरैशी समाज 40 विधानसभा सीटों पर हार-जीत प्रभावित करता है, लेकिन सपा और बसपा ने सिर्फ उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया. सपा-बसपा के शासन में कुरैशी समाज का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ. कांग्रेस क़ुरैशी समाज के अधिकार और सम्ममान की लड़ाई लड़ेगी.
अल्पसंख्यक कांग्रेस ने पूछे तीन सवाल
- उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने 2012 से 2017 के बीच कितने आधुनिक स्लेटर हाउस बनवाए?
- पूरे प्रदेश में अखिलेश सरकार ने मीट बेचने वाले छोटे दुकानदारों के कितने लाइसेंसो का नवीनीकरण किया?
- अखिलेश सरकार के कार्यकाल में कानपुर सहित पूरे प्रदेश में टेनरियों को क्यों बंद किया गया?
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सपा का जातिगत जनाधार पांच फीसदी
चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि कुरैशी समाज पूरे प्रदेश में करीब सात प्रतिशत है, जबकि समाजवादी पार्टी का जातिगत जनाधार सिर्फ पांच प्रतिशत है, लेकिन समाजवादी पार्टी जो क़ुरैशी समाज के पैसों से ही खड़ी हुई उसे पिछड़ा वर्ग में आने के बावजूद रोजगार में हिस्सेदारी नहीं दी. उसके हिस्से को भी अपने सजातीय लोगों में बांट दिया. उन्होंने कहा कि भीड़ हिंसा में सबसे ज्यादा क़ुरैशी समाज के लोगों की हत्या हुई, लेकिन सिर्फ सपा और बसपा ने कभी इस पर सवाल नहीं उठाया, जबकि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भीड़ हत्या के खिलाफ कानून बनाने के लिए बिल भी पास किया.
सपा सरकार ने पहुंचाया था नुकसान
शाहनवाज आलम ने कहा कि 2007 में बसपा शासन में कुरैशी समाज पर सबसे ज्यादा रासुका लगाई गई. वहीं 2012 में आई सपा सरकार में कुरैशी समाज की सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं और सबसे ज्यादा मीट के गोदामें सील की गई.