लखनऊ: राजधानी के थाना चौक अन्तर्गत ई-रिक्शा चालक की बर्बर पिटाई और रास्ते में सवारी उतारने के मामले में थर्ड डिग्री दिए जाने पर उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. आयोग के अध्यक्ष ने इस संबंध में लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने और आयोग को 3 दिन के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
लखनऊ पुलिस का एक बार फिर बर्बर चेहरा सामने आया है. जब बीच सड़क पर पुलिस ने ई-चालक की बर्बर पिटाई की. दरअसल, सवारी उतारने पर ई-रिक्शा द्वारा जाम की स्थिति हो गई थी. जिसके बाद दारोगा ने ई रिक्शा चालक पर लाठी-डंडे बरसाना शुरू कर दिया.
इस मामले में परिजनों का आरोप है कि दारोगा संजय गुप्ता ने पीड़ित पर डंडों से थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया और पिटाई से हालत बिगड़ने पर पुलिस ने घरवालों से संपर्क कर ई रिक्शा चालक को घरवालों को सौंप दिया था. पुलिस की मार से गरीब ई-रिक्शा चालक की हालत नाजुक बनी हुई है और पूरे शरीर पर पड़े चोट के निशान मौजूद है. रिक्शा चालक सूफियान का बलरामपुर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. वहीं इस मामले पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने स्वत संज्ञान लेते हुए लखनऊ पुलिस कमिश्नर को तलब किया है.
आयोग ने कहा कि संजय गुप्ता नामक पुलिसकर्मी द्वारा बंधक बनाते हुए पीड़ित से कई घंटे तक मारपीट की गई और उसका हाथ भी जलाया गया. आयोग ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रकरण की जांच और पीड़ित का मेडिकल कराते हुए दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने के साथ 3 दिन के अंदर रिपोर्ट तलब की है.
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