लखनऊ: अभी कुशीनगर में भाजपा समर्थक बाबर की हत्या का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इतने में प्रदेश के अन्य जनपदों से भी मुस्लिम समुदाय के भाजपा समर्थकों को टारगेट बनाने का मामला सामने आने लगा है. आरोप है कि कई अन्य जनपदों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों को योगी सरकार का समर्थन करने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है. वहीं, इन मामलों के प्रकाश में आने के बाद गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने यूपी के डीजीपी को पत्र लिखकर संबंधित जनपदों के कप्तानों को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई.
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह ने कहा कि उनके और एक अन्य सदस्य रूमाना सिद्दीकी के समक्ष ये मामले आए हैं. इन मामलों में भाजपा की जीत पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को वोट करने और समर्थन करने पर परिवार की ओर से प्रताड़ित करने की भी बातें सामने आई हैं. परविंदर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान की गई है. इसी प्रकार संविधान के अनुच्छेद 21 में देश के हर नागरिक को गरिमामय जीवन जीने का अधिकार हासिल है. ऐसे में लोगों के संवैधानिक अधिकारों को अक्षुण्ण रखना बेहद जरूरी है.
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डीजीपी को लिखे पत्र में सदस्य रूमाना सिद्दीकी और सरदार परविंदर ने कहा कि आप उत्तर प्रदेश के समस्त मंडल व जनपदों के एडीजी जोन, आईजी, डीआईजी, पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को एक सर्कुलर जारी करें. ताकि प्रदेश में ऐसी घटनाएं अगर सामने आते हैं तो फिर उनकी गहनता से जांच हो और तत्काल कार्रवाई की जा सके. इतना ही नहीं आयोग ने 4 दिन में डीजीपी से पत्र का जवाब भी मांगा है.
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