लखनऊ: देश में कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही है. माना जा रहा है कि वैक्सीन के दुष्प्रचार से लोग इस वैक्सीन को लगवाने से कतरा रहे हैं. वैक्सीन शरीर में किस तरह से काम करती है और यह कितनी सुरक्षित है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी स्थित केजीएमयू के क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. वेद प्रकाश से खास बातचीत की.
बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाती है वैक्सीन
डॉ. वेद ने बताया कि वैक्सीन संबंधित बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाती है. वायरस के माध्यम से शरीर में एंटीजन पहुंचता है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है. एंटीजन के विरोध में हमारा इम्यून सिस्टम रिजेक्ट करता है ओर एंटीबॉडी का निर्माण करता है. जब एंटीजन के अनुरूप एंटीबॉडीज नहीं बनती हैं तो वायरस शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है.
वायरस को कमजोर कर शरीर में बनाई जाती है एंटीबॉडीज
वायरस को कमजोर करने के लिए वैक्सीन को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है. इसके बाद बॉडी वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज का निर्माण करती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता संबंधित बीमारी के खिलाफ मजबूत होती है. वैक्सीन बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि वायरस को इतना कमजोर किया जाए, जिससे शरीर में पहुंचने के बाद यह नकारात्मक प्रभाव न दिखा सके और शरीर इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज का निर्माण कर ले. इस लिहाज से कहा जा सकता है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित होती है.
माइनर रिएक्शन सामान्य बात
डॉ. वेद ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद माइनर रिएक्शन सामान्य बात है. वैक्सीन को इस तरह से बनाया जाता है कि मेजर रिएक्शन का कोई खतरा नहीं होता है. वैक्सीन लगने के बाद बुखार आना, एलर्जी होना, घबराहट होना सामान्य बात है. कोरोना वैक्सीन ही नहीं, अन्य वैक्सीन लगाने पर भी ऐसे माइनर रिएक्शन देखने को मिलते हैं.
उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई गई है और अभी तक कहीं भी मेजर रिएक्शन की घटना सामने नहीं आई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है.