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लखनऊ: पुलिस की दादागिरी, बेगुनाह नाबालिग ने जेल में काटे 42 दिन

यूपी की राजधानी लखनऊ में सीएए प्रदर्शन के दौरान एक नाबालिग को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर लिया था. नाबालिग ने जब अपनी उम्र 16 साल बताई गई तो पुलिस ने जबरन उम्र बढ़ाकर बताने को कहा. नाबालिग को पुलिस ने 42 दिन जेल रखा. नाबालिग के वकील यशब हुसैन ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.

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CAA हिंसा के आरोप में 42 दिन जेल काट कर आया युवक निकला नाबालिग.
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Published : Feb 9, 2020, 6:43 AM IST

लखनऊ: दिसम्बर महीने में उत्तर प्रदेश में सीएए प्रदर्शन के दौरान एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जबरन युवक को उम्र बढ़ाकर बताने को कहा. इसके बाद कैदियों की तरह जिला कारगर में 42 दिन जेल काटने के बाद रिहा हुआ. वह युवक नाबालिग था. नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ लखनऊ कमिश्नर को लिखित शिकायत दर्ज कराई है.

CAA हिंसा के आरोप में 42 दिन जेल काट कर आया युवक निकला नाबालिग.

'पुलिस ने धमकाते हुए नाबालिग को उम्र बढ़ाकर बताने को कहा'
ईटीवी भारत से बात करते हुए नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने बताया कि 19 दिसम्बर को लखनऊ में हुई हिंसा के बाद पीड़ित लड़के को पुलिस ने उसके होटल के पास से सिर्फ इसलिए उठा लिया था कि वह पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला था. लड़के के वकील ने बताया कि संजू (काल्पनिक नाम) हजरतगंज के तुलसी थियटर के पास एक होटल पर मजदूरी करता था. हिंसा के बाद पुलिस ने उसको उसी होटल के पास से उठा लिया और थाने ले गई. इस दौरान संजू से जब उसकी उम्र पूछी गई तो उसने अपनी उम्र 16 साल बताई. पुलिस ने उसको धमकाते और मारते हुए उम्र ज्यादा बताने को कहा. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.

इसे भी पढ़ें- Defence Expo: पर्रिकर ने ठुकराया था राजनाथ ने किया साकार- सतीश महाना

42 दिन नाबालिग जिला कारागार में रहा
जेल से 42 दिन बाद रिहा हुए संजू को प्रशासन की ओर से सम्पत्ति के नुकसान के एवज में 2.59 करोड़ का हर्जाना वसूली का नोटिस थमा दिया गया. वकील यशब ने नोटिस का जवाब देने के लिए संजू से आधार कार्ड मंगाया. आधार कार्ड के आधार संजू की उम्र 16 साल से भी कम निकली, लेकिन 42 दिन उसने जिला कारागार में अन्य बालिग कैदियों के साथ काटे थे.

नाबालिग को जबरन उम्र बढ़ाने के लिए कहा गया
यशब ने संजू से इस मामले की जानकारी ली. संजू ने बताया कि पुलिस ने जबरन उसको अपनी उम्र बढ़ाकर बताने को कहा था. यशब ने कहा कि पुलिस का यह रवैया पीड़ित के लीगल, फंडामेंटल और कॉन्स्टिट्यूशनल राइट के अगेंस्ट है. वकील यशब ने लखनऊ कमिश्नर को IGRS के माध्यम से आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए शिकायत पत्र भेजा है.

हत्या की कोशिश समेत 15 संगीन धाराएं पुलिस ने की थी दर्ज
पुलिस ने संजू पर सीएए हिंसा के चलते धारा 147,148,149,152,307,323, 504, 506, 332, 353,188, 435, 436,120बी, 427 जैसी एक दर्जन से अधिक धाराएं लगाईं थी.कोर्ट में हिंसा में शामिल न पाए जाने पर 42 दिन बाद नाबालिग संजू को जेल से रिहा कर दिया गया.

लखनऊ: दिसम्बर महीने में उत्तर प्रदेश में सीएए प्रदर्शन के दौरान एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जबरन युवक को उम्र बढ़ाकर बताने को कहा. इसके बाद कैदियों की तरह जिला कारगर में 42 दिन जेल काटने के बाद रिहा हुआ. वह युवक नाबालिग था. नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ लखनऊ कमिश्नर को लिखित शिकायत दर्ज कराई है.

CAA हिंसा के आरोप में 42 दिन जेल काट कर आया युवक निकला नाबालिग.

'पुलिस ने धमकाते हुए नाबालिग को उम्र बढ़ाकर बताने को कहा'
ईटीवी भारत से बात करते हुए नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने बताया कि 19 दिसम्बर को लखनऊ में हुई हिंसा के बाद पीड़ित लड़के को पुलिस ने उसके होटल के पास से सिर्फ इसलिए उठा लिया था कि वह पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला था. लड़के के वकील ने बताया कि संजू (काल्पनिक नाम) हजरतगंज के तुलसी थियटर के पास एक होटल पर मजदूरी करता था. हिंसा के बाद पुलिस ने उसको उसी होटल के पास से उठा लिया और थाने ले गई. इस दौरान संजू से जब उसकी उम्र पूछी गई तो उसने अपनी उम्र 16 साल बताई. पुलिस ने उसको धमकाते और मारते हुए उम्र ज्यादा बताने को कहा. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.

इसे भी पढ़ें- Defence Expo: पर्रिकर ने ठुकराया था राजनाथ ने किया साकार- सतीश महाना

42 दिन नाबालिग जिला कारागार में रहा
जेल से 42 दिन बाद रिहा हुए संजू को प्रशासन की ओर से सम्पत्ति के नुकसान के एवज में 2.59 करोड़ का हर्जाना वसूली का नोटिस थमा दिया गया. वकील यशब ने नोटिस का जवाब देने के लिए संजू से आधार कार्ड मंगाया. आधार कार्ड के आधार संजू की उम्र 16 साल से भी कम निकली, लेकिन 42 दिन उसने जिला कारागार में अन्य बालिग कैदियों के साथ काटे थे.

नाबालिग को जबरन उम्र बढ़ाने के लिए कहा गया
यशब ने संजू से इस मामले की जानकारी ली. संजू ने बताया कि पुलिस ने जबरन उसको अपनी उम्र बढ़ाकर बताने को कहा था. यशब ने कहा कि पुलिस का यह रवैया पीड़ित के लीगल, फंडामेंटल और कॉन्स्टिट्यूशनल राइट के अगेंस्ट है. वकील यशब ने लखनऊ कमिश्नर को IGRS के माध्यम से आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए शिकायत पत्र भेजा है.

हत्या की कोशिश समेत 15 संगीन धाराएं पुलिस ने की थी दर्ज
पुलिस ने संजू पर सीएए हिंसा के चलते धारा 147,148,149,152,307,323, 504, 506, 332, 353,188, 435, 436,120बी, 427 जैसी एक दर्जन से अधिक धाराएं लगाईं थी.कोर्ट में हिंसा में शामिल न पाए जाने पर 42 दिन बाद नाबालिग संजू को जेल से रिहा कर दिया गया.

Intro:दिसम्बर महीने में उत्तरप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में पुलिस की कार्यवाई पर सोशल मीडिया से लेकर सियासी पार्टियां कई गम्भीर सवाल खड़ी करती रही है वहीं अब राजधानी लखनऊ से एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ आरोपी बनाया गया युवक नाबालिग निकला है और पुलिस द्वारा जबरन उम्र बढ़ा कर बताने के साथ कैदियों की तरह ज़िला कारगर में 42 दिन जेल काटने के बाद रिहा हो सका है। नाबालिग़ लड़के के वकील यशब हुसैन ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ लखनऊ कमिश्नर को लिखित शिकायत दर्ज कराई है।


Body:ईटीवी भारत से बात करते हुए नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने बताया कि 19 दिसम्बर को लखनऊ में हुई हिंसा के बाद पीड़ित लड़के को पुलिस ने उसके होटल के पास से सिर्फ इसलिए उठा लिया था कि वह पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला था। लड़के के वकील ने बताया कि संजू (काल्पनिक नाम) हजरतगंज के तुलसी थियटर पास खाने के होटल पर काम करता था और दिहाड़ी मजदूर था। हिंसा के बाद पुलिस ने उसको उसी होटल के पास से उठा लिया और थाने ले गई इस दौरान संजू से जब उसकी उम्र पूछी गई तो उसने अपनी उम्र 16 साल बताई जिसपर पुलिस ने उसको धमकाते और मरते हुए उम्र को ज़्यादा बताने को कहा जिसके बाद उसको जेल भेज दिया गया। जेल से 42 दिन बाद रिहा हुए संजू को प्रशासन की ओर से सम्पत्ति के नुकसान के एवज़ में 2.59 करोड़ का हर्जाना वसूली का नोटिस थमा दिया गया जिसके चलते वकील यशब ने नोटिस का जवाब देने के लिए संजू का आधार कार्ड मंगाया। आधार कार्ड देखते ही संजू की उम्र उस वक्त 16 साल से भी कम निकली लेकिन 42 दिन उसने ज़िला कारागार में अन्य बालिग कैदियों के साथ काटे थे जिसपर वकील यशब द्वारा संजू से इसपर जानकारी की गई थी तो संजू ने अपने वकील को बताया कि पुलिस ने जबरन उसको अपनी उम्र बढ़ाकर बताने को कहा था। वकील यशब ने कहा कि पुलिस का यह रवैया पीड़ित के लीगल, फंडामेंटल और कॉन्स्टिट्यूशनल राइट के अगेंस्ट है जिसके चलते लखनऊ कमिश्नर को IGRS के माध्यम से आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग करते हुए शिकायत पत्र भेजा गया है।

*हत्या की कोशिश समेत 15 संगीन धाराएं पुलिस ने करी थी दर्ज*

होटल पर दिहाड़ी पर काम करने वाले पश्चिम बंगाल के संजू पर पुलिस ने CAA हिंसा के चलते धारा 147,148,149,152,307, 323,504,506,332,353,188,435,436,120बी,427 जैसी एक दर्जन से अधिक धाराएं लगाई थी जिसके बाद कोर्ट में हिंसा में शामिल नही पाए जाने पर 42 दिन बाद नाबालिग संजू को जेल से रिहा कर दिया गया।


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