लखनऊः प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के कारण प्रभावित हुई आर्थिक गतिविधियां दोबारा रफ्तार पकड़ रही हैं. जुलाई, अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर में आर्थिक गतिविधियों के बेहतर होने का सिलसिला नवम्बर 2020 में भी जारी रहा है.
345 करोड़ रुपये राजस्व में वृद्धि
मंत्री ने बताया कि प्रमुख कर देने वाले विभागों से राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2020-21 के नवम्बर माह में कुल 10 हजार 903 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि 2019-20 के नवम्बर माह में 10 हजार 557 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस प्रकार माह नवम्बर 2020 में महत्वपूर्ण मदों में गत वर्ष इसी माह की तुलना में 345.97 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है.
जीएसटी में भी हुआ फायदा
वित्त मंत्री खन्ना ने बताया कि जीएसटी के मद में वित्तीय वर्ष 2020-21 के नवम्बर माह में कुल 3712.69 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वैट के अन्तर्गत माह नवम्बर 2020 की प्राप्ति 2 हजार 147 करोड़ रुपये है. माह नवम्बर 2019 में वैट मद की प्राप्ति 1 हजार 765 करोड़ रुपये थी. इस प्रकार इस मद में गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में 381 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.
इन विभागों में इतना मिला राजस्व
आबकारी के मद में वित्तीय वर्ष 2020-21 के नवम्बर माह में कुल 2 हजार 464 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वर्ष 2019-20 के नवम्बर माह में 2 हजार 273 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस मद में 190 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. स्टाम्प और निबंधन के अन्तर्गत माह नवम्बर 2020 की प्राप्ति 1 हजार 628 करोड़ रुपये है. माह नवम्बर 2019 में इस मद में प्राप्ति 1 हजार 421 करोड़ रुपये थी. इस प्रकार स्टाम्प तथा निबंधन के मद में 206 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि करेत्तर राजस्व की प्रमुख मद भूतत्व एवं खनिकर्म में माह नवम्बर 2020 में 253 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. नवम्बर 2019 में इस मद में प्राप्ति 190 करोड़ रुपये थी.
यूपी में मृत्यु दर घटी
वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 से मृत्यु दर घट रही है और रिकवरी दर निरंतर बढ़ रही है. प्रदेश में वर्तमान में मृत्यु दर 1.43 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.45 प्रतिशत से कम है. प्रदेश में वर्तमान में कोविड-19 का पाॅजिटिविटी रेट 3 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में रिकवरी दर बढ़कर 94.38 प्रतिशत हो गई है, जो अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है.