नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली में 'जल समस्या, पब्लिक हेल्थ और सतत सुझाव' पर हो रही राष्ट्रीय कांफ्रेंस के बाद उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीच की.उन्होंने कहा कि राज्य में 'भू-जल संचयन अधिनियम' लागू करने जा रहे हैं. जिसके तहत सभी सरकारी, गैर-सरकारी स्कूल, कॉलेज और विश्विद्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना अनिवार्य कर दिया जाएगा.
पानी बचाने का है नया कानून
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य में योगी सरकार एक नया कानून लाने वाली है. जिसके तहत पानी बर्बाद करने पर किसी भी व्यक्ति को 10-20 लाख का जुर्माना और 5-7 साल की सजा का प्रावधान होगा. जो शिक्षा केंद्र इस प्रावधान को नहीं मानेगा उसकी मान्यता सरकार रद्द कर देगी और यदि उन्हें मान्यता मिल चुकी होगी तो उन्हें दोबारा मान्यता नहीं मिलेगी.
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सरकारी कार्यालयों में भी होगा लागू
यह प्रावधान सिर्फ स्कूलर या फिर कॉलेज तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि इस नियम को सभी घरों, केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों में भी लागू किया जाएगा. सभी शिक्षा केंद्रों, औद्योगिक संस्थानों और कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के मानक तैयार किये जाएंगे, जो उनके क्षेत्रफल के हिसाब से निर्धारित होंगे, अन्यथा उन पर कार्रवाई की जाएगी.
राज्य में लागू होने वाले 'भू-जल संशयन अधिनियम' के तहत प्रदेश में जिन घरों में सबमर्सिबल पंप लगे हुए हैं, उन घरों में मीटर लगाना अनिवार्य होगा ताकि सरकार को यह पता चल सके कि एक परिवार कितना पानी प्रयोग में ला रहा है.
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