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राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने जलशक्ति विभाग में ट्रांसफर घोटाले की खोली पोल, चिट्ठी में लगाए ये आरोप - जलशक्ति विभाग में ट्रांसफर घोटाला

राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने जलशक्ति विभाग में ट्रांसफर घोटाले की खोली पोल, चिट्ठी में लगाए ये आरोप
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Published : Jul 20, 2022, 3:54 PM IST

Updated : Jul 20, 2022, 4:47 PM IST

लखनऊः जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में जल शक्ति विभाग में तबादलों के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की भी पोल खोलने का काम किया है. पत्र में लिखा है कि वर्तमान स्थानांतरण नीति के अंतर्गत जो भी तबादले हुए उनमें बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार व तबादलों में गड़बड़ी हुई तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों की जानकारी मांगी लेकिन अब तक उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी गई. अधिकारियों की तरफ से भी उनके साथ सही तरीके से बर्ताव नहीं किया जाता है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र में क्या कुछ लिखा है वह इस प्रकार है.

पत्र में लिखा गया है कि सादर अवगत कराना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है. इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज भाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है परन्तु जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी बैठक की सूचना दी जाती है, न ही विभाग में कौन - कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है, इत्यादि कोई सूचना अधिकारियों द्वारा नहीं दी जाती है, जिसके कारण राज्य मंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है.

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राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में गंभीर आरोप लगाए.

सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं, और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं. इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या - 309 / ज.श.वि. / 2022 दिनांक 09.7.2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभीतक नहीं दी गयी है.

कई दिनों के बाद विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके सूचना देने के लिए कहा गया तब भी उन्होंने आजतक सूचना उपलब्ध नहीं करायी है. प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुने ही टेलीफोन काट दिया और उन्होंने भी मेरी बात को अनसुना कर दिया. यह एक जनप्रतिनिधि का बहुत बड़ा अपमान है.

मैं एक दलित जाति का मंत्री हूं इसीलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है. मुझे विभाग में अभी तक कोई अधिकार नहीं दिया गया है. मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है. मेरे द्वारा लिखे गये पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है. इस विभाग में नामामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरुद्ध करता हूं तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, चाहें तो इसकी किसी एजेंसी से जांच भी करायी जा सकती है.

यहां यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि 2014 में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में जो भाजपा सरकार बनी हुई है उसके आदर्शों पर ईमानदारी और सच्चाई से देश के प्रधानमंत्री ने दलितों और पिछड़ों को सम्मान के साथ भाजपा में लाने का प्रयास किया है और उन्हीं के आदर्शों के कारण दलित समाज और पिछडा समाज आज पूरी तरह से भाजपा के साथ खड़ा है लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार के अन्दर अधिकारीगण उतना ही दलितों का अपमान कर रहे है.

मैं दलित समाज से हूं और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और वह पूरी तरह से मुझसे अपेक्षा रखता है कि उसके साथ अन्याय न होने पाए. जब मैं उसके साथ हो रहे अन्नाय को लेकर अधिकारियों को अवगत कराता हूं तो अधिकारी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे मेरा ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है. मुझे मेरे ही विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई तवज्जो न दिये जाने के कारण एवं दलितों को उचित मान-सम्मान न मिलने के कारण और प्रधानमंत्री के योजना नमामि गंगे एवं हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी हो रही है.

मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलत तरीके से धन वसूली की गयी है. संज्ञान में आने पर जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी सूचना मांगी तो अभीतक उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है. जब विभाग में दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई अस्तित्व नहीं है तो फिर ऐसी स्थिति में राज्य मंत्री के रूप में मेरा कार्य करना दलित समाज के लिये बेकार है. इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूं.


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लखनऊः जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में जल शक्ति विभाग में तबादलों के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की भी पोल खोलने का काम किया है. पत्र में लिखा है कि वर्तमान स्थानांतरण नीति के अंतर्गत जो भी तबादले हुए उनमें बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. उन्होंने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार व तबादलों में गड़बड़ी हुई तो उन्होंने विभाग के अधिकारियों की जानकारी मांगी लेकिन अब तक उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी गई. अधिकारियों की तरफ से भी उनके साथ सही तरीके से बर्ताव नहीं किया जाता है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र में क्या कुछ लिखा है वह इस प्रकार है.

पत्र में लिखा गया है कि सादर अवगत कराना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है. इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज भाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है परन्तु जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी बैठक की सूचना दी जाती है, न ही विभाग में कौन - कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है, इत्यादि कोई सूचना अधिकारियों द्वारा नहीं दी जाती है, जिसके कारण राज्य मंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है.

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राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में गंभीर आरोप लगाए.

सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं, और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं. इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या - 309 / ज.श.वि. / 2022 दिनांक 09.7.2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभीतक नहीं दी गयी है.

कई दिनों के बाद विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके सूचना देने के लिए कहा गया तब भी उन्होंने आजतक सूचना उपलब्ध नहीं करायी है. प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुने ही टेलीफोन काट दिया और उन्होंने भी मेरी बात को अनसुना कर दिया. यह एक जनप्रतिनिधि का बहुत बड़ा अपमान है.

मैं एक दलित जाति का मंत्री हूं इसीलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है. मुझे विभाग में अभी तक कोई अधिकार नहीं दिया गया है. मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है. मेरे द्वारा लिखे गये पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है. इस विभाग में नामामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरुद्ध करता हूं तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, चाहें तो इसकी किसी एजेंसी से जांच भी करायी जा सकती है.

यहां यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि 2014 में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में जो भाजपा सरकार बनी हुई है उसके आदर्शों पर ईमानदारी और सच्चाई से देश के प्रधानमंत्री ने दलितों और पिछड़ों को सम्मान के साथ भाजपा में लाने का प्रयास किया है और उन्हीं के आदर्शों के कारण दलित समाज और पिछडा समाज आज पूरी तरह से भाजपा के साथ खड़ा है लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार के अन्दर अधिकारीगण उतना ही दलितों का अपमान कर रहे है.

मैं दलित समाज से हूं और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और वह पूरी तरह से मुझसे अपेक्षा रखता है कि उसके साथ अन्याय न होने पाए. जब मैं उसके साथ हो रहे अन्नाय को लेकर अधिकारियों को अवगत कराता हूं तो अधिकारी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे मेरा ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है. मुझे मेरे ही विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई तवज्जो न दिये जाने के कारण एवं दलितों को उचित मान-सम्मान न मिलने के कारण और प्रधानमंत्री के योजना नमामि गंगे एवं हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी हो रही है.

मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलत तरीके से धन वसूली की गयी है. संज्ञान में आने पर जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी सूचना मांगी तो अभीतक उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है. जब विभाग में दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई अस्तित्व नहीं है तो फिर ऐसी स्थिति में राज्य मंत्री के रूप में मेरा कार्य करना दलित समाज के लिये बेकार है. इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूं.


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Last Updated : Jul 20, 2022, 4:47 PM IST
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