लखनऊ: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती की जांच कराई जाएगी. बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने मैनपुरी की अनामिका शुक्ला के 25 जिलों में तैनाती और एक करोड़ रुपये का वेतन भुगतान मामला सामने आने के बाद यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि अनामिका शुक्ला ने शैक्षिक प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल कर बागपत समेत पांच जिलों में तैनाती पाई. कुल पांच लाख रुपये का भुगतान हुआ है. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
मैनपुरी की निवासी अनामिका शुक्ला के प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में तैनाती का मामला सामने आया है. इस मामले में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद से मामले की पूरी जानकारी हासिल की. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि पूरा मामला पांच कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों से जुड़ा हुआ है.अनामिका शुक्ला की संविदा शिक्षक के तौर पर बागपत जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनाती हुई थी, जहां उन्हें एक महीने का वेतन भुगतान किया गया. इसके बाद वह विद्यालय से लगातार अनुपस्थित हैं. उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल चार अन्य जिलों सहारनपुर, अमेठी, अलीगढ़ और अंबेडकर नगर में पाया गया है. इन चारों जिलों में उनके नाम पर तैनात शिक्षकों ने कुल 500000 रुपये का भुगतान प्राप्त किया है.
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बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस पूरे मामले की शुरुआती जांच से पता चल रहा है कि उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल अलग-अलग जिलों में संविदा शिक्षक के तौर पर तैनाती पाने के लिए अन्य महिलाओं के द्वारा किया गया है. इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जा रही है. इसमें अगर कोई बेसिक शिक्षा विभाग का अधिकारी, कर्मचारी या वार्डन लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. महिला शिक्षक अनामिका शुक्ला लापता हैं. उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है.
उन्होंने बताया कि इस मामले के सामने आने के बाद प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में तैनात शिक्षकों की जांच कराई जा रही है. शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ योगी सरकार की ओर से अभियान चलाया गया है. इसके बाद ही बेसिक शिक्षा विभाग में साढे़ चार हजार से ज्यादा तैनात फर्जी शिक्षकों की पहचान हुई. अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है. इसी क्रम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में डिजिटल माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है. जिसके बाद यह फर्जीवाड़ा सामने आया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में किसी भी दोषी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा.