लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी(Law Officer Noida Virendra Singh Nagar ) ने वर्ष 2016 में नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे तत्कालीन विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर को निलंबित कर दिया है. शासन के संज्ञान में आने के बाद विधि अधिकारी की लापरवाही से नोएडा विकास प्राधिकरण को 7.26 करोड़ रूपए की वित्तीय हानि होने पर कार्रवाई की गई. तत्कालीन विधि अधिकारी नोएडा वीरेंद्र सिंह नागर इस समय यूपीसीडा कानपुर से सम्बद्ध किये गए हैं.
नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा राजस्व गांव मेझा तिलपताबाद की 32,632.187 वर्ग गज जमीन काश्तकारों से ली गई. इसका मुआवजा किसानों को दिया गया. लेकिन, मुआवजा की राशि कम होने पर किसानों ने स्थानीय अदालत में वाद दाखिल किया. जिस पर अपर जिला जज ने 28.05.1993 को 16.61 रूपए प्रति वर्ग गज अवार्ड निर्धारित किया. इस प्रकरण में काश्तकारों की ओर से योजित की गई. प्रथम अपील को कालबाधित मानते हुए न्यायालय ने 08.07.2015 को निरस्त कर दिया.
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इसके बाद भी किसान रामवती की ओर से समझौते का प्रार्थना पत्र दिया गया. प्रस्तुत दस्तावेजों और न्यायालय के निरस्तीकरण आदेश का विधिक परीक्षण किए बिना विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर द्वारा समझौते के सैद्धान्तिक अनुमोदन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, इसके आधार पर 01.01.2016 को रामवती के नाम 7 करोड़ 26 लाख 80 हजार 427 रूपये का भुगतान नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया. फरवरी 2022 में विधि अधिकारी की लापरवाही का मामला शासन के संज्ञान में आने पर मंत्री नन्दी द्वारा नियमानुसार कार्रवाई का आदेश दिया गया और इस प्रकार तत्कालीन विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया.
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