लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग की नामित कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की. यह समीक्षा बैठक न्याय विभाग के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 463 करोड़ रूपये की लागत के निर्माण कार्यों हेतु नामित कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों को लेकर की गई. निर्माण कार्यो के सम्बन्ध में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट संतोषजनक न पाये जाने पर विधायी एवं न्याय मंत्री पाठक ने नाराजगी जताते हुए कठोर चेतावनी दी.
उन्होंने कहा कि न्याय विभाग द्वारा जिन संस्थाओं को निर्माण कार्यों के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है, उन सभी कार्यों को तत्काल शुरू किया जाए. साथ ही कार्य प्रारम्भ के सम्बन्ध में साक्ष्य सहित एक सप्ताह में न्याय विभाग को लिखित रूप में सूचित किया जाए तथा कार्य को पूर्ण करने की समय सीमा से भी अवगत कराया जाए.
मंत्री पाठक ने कहा कि जिस कार्यदायी संस्था द्वारा समय से कार्य शुरू करके उसे पूर्ण नहीं किया गया और उसकी लापरवाही से आवंटित बजट की धनराशि लैप्स हुई, तो उसके विरूद्ध पेनाल्टी अधिरोपित करते हुए ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की जायेगी.
न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने बैठक में उपस्थित सभी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन संस्थाओं ने धनराशि आवंटित होने के बावजूद कार्य शुरू नहीं किया है, उनका स्पष्टीकरण लिखित रूप में प्राप्त कर न्याय विभाग को एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जाए. समीक्षा बैठक में जिन कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित नहीं हुए, मंत्री ब्रजेश पाठक ने उनके विरूद्ध नोटिस जारी करके उनका स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए. इस अवसर पर विधायी एवं न्याय मंत्री ने बैठक में उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं को धनतेरस, दीपावली एवं भाई दूज की शुभकामनाएं दी.
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प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने मंत्री पाठक को आश्वस्त किया कि निर्माण कार्यों में जहां-जहां जो भी कठिनाईयां सामने आ रही हैं, शासन स्तर से उनका समाधान कर दिया जायेगा. उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि कार्य की तात्कालिकता के दृष्टिगत, किसी भी स्तर पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं मानकों के साथ कोई समझौता न किया जाए.