लखनऊ: एनआईए/एटीएस के विशेष जज अनुरोध मिश्रा की कोर्ट में हत्या व आतंकी गतिविधियों के एक मामले में प्रदेश सरकार में मंत्री व एटीएस के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक असीम अरुण बतौर गवाह पेश हुए. हालांकि उनकी गवाही पूरी नहीं हो सकी. अब उन्हें शेष जिरह के लिए 19 जुलाई को कोर्ट में पेश होना है. कोर्ट ने बचाव पक्ष को सुबह 10 बजे से जिरह शुरु करने का आदेश दिया है.
यह मामला वर्ष 2017 का है. इस दौरान असीम अरुण एटीएस में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे. इस मामले में अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर, नसीम व फैसल निरुद्ध हैं. इनके खिलाफ हत्या व आतंकी गतिविधियों में आरोप पत्र दाखिल हुआ है.
एनआईए के विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक 24 अक्टूबर, 2016 को कानपुर में जूनियर हाईस्कूल के प्राचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या हुई थी. इस मामले की एफआईआर उनके बेटे अक्षय शुक्ला ने थाना चकेरी मे अज्ञात में दर्ज कराई थी. इधर आठ मार्च, 2017 को लखनऊ में आईएस आतंकी सैफुल्लाह एनकाउंटर में मारा गया. सैफुल्लाह के घर से आठ रिवाल्वर व बुलेट बरामद हुए थे. इस मामले की एफआईआर असीम अरुण ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी, जिसकी विवेचना बाद में एनआईए को सौंप दी गई. विवेचना में मालूम हुआ कि जिस रिवाल्वर व बुलेट से प्राचार्य की हत्या हुई थी, वह बरामद हथियारों में से ही एक थी. हत्या में सैफुल्लाह के अलावा अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर, नसीम व फैसल का नाम भी सामने आया।. इनके मोबाइल की लोकेशन हत्या वाली जगह पर पाई गई थी. आतंकियों ने आईएसआईएस के अपने आकाओं को यह बताने के लिए कि हमलोग भी कुछ कर सकते हैं, इस हत्याकांड को अंजाम दिया था.
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