लखनऊ: संगमनगरी से 2 दिन पहले 12 प्रवासी युवक नेपाल जाने के लिए पैदल निकल पड़े. लॉकडाउन के बाद जब पैसा नहीं बचा तो मजबूरी में ही उन्हें पैदल ही निकलना पड़ा. इन मजदूरों की सरकार से मांग हैं कि उन्हें नेपाल बॉर्डर तक पहुंचा दिया जाए, जिससे वह अपने घर जा सकें.
पड़ोसी देश नेपाल के रहने वाले लोग लाखों की संख्या में रोजी रोटी कमाने के लिए भारत का रुख करते हैं. इस लॉकडाउन के बाद जब सब कामकाज बंद हैं तो वह पैदल ही नेपाल वापस जाने को मजबूर हैं. राजधानी लखनऊ को प्रयागराज से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऐसे ही कुछ नेपाली युवक ईटीवी भारत को मिले जिन्होंने बताया कि वह बुधवार को प्रयागराज से पैदल निकल हैं और उन्हें नेपाल पहुंचना है.
ईटीवी भारत से नेपाली युवकों ने बताया कि वह एक प्रोडक्ट सेलिंग कंपनी में काम कर रहे थे. लॉकडाउन के बाद सारा कामकाज बंद हो गया और खाने-पीने की भी दिक्कत होने लगी. कोरोना के डर से परिवार के लोग वापस बुला रहे हैं. जिसके बाद कोई साधन न मिलने पर युवक पैदल ही नेपाल की ओर निकल पड़े.
नेपाली युवकों ने बताया कि भूखे-प्यासे पैदल सफर करने की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से इनकी मांग की है कि इन्हें नेपाल बॉर्डर तक छोड़ने का इंतजाम भी किया जाए, जिससे वह अपने घर जा सकें.