ETV Bharat / state

मेधावियों ने फिर किया साबित, प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं - संदीप तिवारी

बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था, इसमें यूपी के 67 जिलों से कुल 334 युवाओं ने सफलता प्राप्त की. इनमें से कई अभ्यर्थियों ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण...

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 12, 2023, 6:09 PM IST

लखनऊ : कहते हैं 'कीचड़ में कमल खिलता है और कांटों में गुलाब, फिर हम अभावों में अपना जीवन क्यों नहीं संवार सकते!' यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित कुछ अभ्यर्थियों ने यह करके एक मिसाल पेश की है. एसडीएम, डिप्टी एसपी और जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित कुछ अभ्यर्थियों का जीवन अभावों से भरा हुआ था. इसके बावजूद उन्होंने बाधाओं को दूर किया और प्रगति के पथ को अपनी राह बना लिया. इन अभ्यर्थियों को न तो महंगी कोचिंगों की जरूरत पड़ी और न ही ज्यादा संसाधनों की.‌



यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी
यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी

यूपीपीसीएस की परीक्षा में पहली रैंक हासिल कर सबको चौंकाने वाली दिव्या सिकरवार आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र स्थित गढ़ी रामी गांव की रहने वाली हैं. दिव्या के पिता बीएसएफ के सेवानिवृत्त जवान हैं. उनकी मां महज पांचवीं पास हैं. दिव्या ने परास्नातक की डिग्री लेने के बाद पीसीएस की तैयारी आरंभ की और तीसरे प्रयास में सबको पीछे छोड़ दिया. इनके पास न तो बहुत संसाधन थे और न ही महंगी कोचिंग आदि के लिए खर्च करने को पैसे, फिर भी दिव्या ने वह कर दिखाया, जो तमाम लोग संसाधनों के बावजूद नहीं कर पाते, वहीं लखनऊ की बेटी सल्तनत परवीन ने इस परीक्षा में छठा स्थान हासिल कर माता-पिता का गौरव बढ़ाया. इनके पिता एक जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं. बीटेक की पढ़ाई के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की और सफलता हासिल की, वह वालीबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी भी रह चुकी हैं.


यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी
यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी

गोंडा जिले के मनकापुर क्षेत्र स्थित गांव हरनाटायर के निवासी संदीप तिवारी ने यूपीपीसीएस की परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया. उन्होंने 2021 में भी यह परीक्षा पास की थी. तब उन्हें असिस्टेंट कमिश्नर (सहकारिता) का पद मिला था. इस बार अच्छी रैंक के कारण उन्हें एसडीएम का पद मिलेगा. संदीप तिवारी के पिता गांव में नलकूप चालक हैं और मां गृहणी. बावजूद इसके उन्होंने कभी हार नहीं मानी और सफलता ने उनके कदम चूम लिए. इसी तरह हरदोई जिले के निवासी विशाल गुप्ता ने 49वीं रैंक हासिल की है. हिंदी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू की. विशाल के पिता जनरल मर्चेंट की दुकान चलाते हैं और माता गृहिणी हैं. विशाल के पास भी बहुत संसाधन नहीं थे. फिर भी उन्होंने कभी अभावों को बाधा नहीं माना और निरंतर आगे बढ़ते गए. आज उनके माता-पिता गौरव से अपने पुत्र पर नाज करते हैं.


यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी
यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े डॉ प्रदीप यादव कहते हैं 'कई बार अधिक संसाधन भी प्रगति में बाधक बन जाते हैं. मैंने ऐसे तमाम छात्र-छात्राओं को देखा है, जिनके परिवारीजनों ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका बेटा इतने ऊंचे ओहदे पर पहुंचेगा, लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर लोगों ने कर दिखाया. आज के दौर में यदि कोई गंभीरता से पढ़ाई की लौ जगा ले तो उसके सामने संसाधनों की चुनौतियां नहीं हैं. इंटरनेट से लगाकर सरकारी संसाधनों तक शिक्षण सामग्री की भरमार है. बस दृढ़निश्चय और लगन की जरूरत है. कई विद्यार्थी सहयोगियों से सामग्री और पुस्तकें लेकर परीक्षाओं में सफल हो जाते हैं, जबकि जिनके पास सभी सुविधाएं होती हैं, वह पिछड़ जाते हैं.'

यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन की प्रतिमा का किया अनावरण, कहा- सादगी और शालीनता की मिसाल थे

लखनऊ : कहते हैं 'कीचड़ में कमल खिलता है और कांटों में गुलाब, फिर हम अभावों में अपना जीवन क्यों नहीं संवार सकते!' यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित कुछ अभ्यर्थियों ने यह करके एक मिसाल पेश की है. एसडीएम, डिप्टी एसपी और जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित कुछ अभ्यर्थियों का जीवन अभावों से भरा हुआ था. इसके बावजूद उन्होंने बाधाओं को दूर किया और प्रगति के पथ को अपनी राह बना लिया. इन अभ्यर्थियों को न तो महंगी कोचिंगों की जरूरत पड़ी और न ही ज्यादा संसाधनों की.‌



यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी
यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी

यूपीपीसीएस की परीक्षा में पहली रैंक हासिल कर सबको चौंकाने वाली दिव्या सिकरवार आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र स्थित गढ़ी रामी गांव की रहने वाली हैं. दिव्या के पिता बीएसएफ के सेवानिवृत्त जवान हैं. उनकी मां महज पांचवीं पास हैं. दिव्या ने परास्नातक की डिग्री लेने के बाद पीसीएस की तैयारी आरंभ की और तीसरे प्रयास में सबको पीछे छोड़ दिया. इनके पास न तो बहुत संसाधन थे और न ही महंगी कोचिंग आदि के लिए खर्च करने को पैसे, फिर भी दिव्या ने वह कर दिखाया, जो तमाम लोग संसाधनों के बावजूद नहीं कर पाते, वहीं लखनऊ की बेटी सल्तनत परवीन ने इस परीक्षा में छठा स्थान हासिल कर माता-पिता का गौरव बढ़ाया. इनके पिता एक जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं. बीटेक की पढ़ाई के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की और सफलता हासिल की, वह वालीबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी भी रह चुकी हैं.


यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी
यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी

गोंडा जिले के मनकापुर क्षेत्र स्थित गांव हरनाटायर के निवासी संदीप तिवारी ने यूपीपीसीएस की परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया. उन्होंने 2021 में भी यह परीक्षा पास की थी. तब उन्हें असिस्टेंट कमिश्नर (सहकारिता) का पद मिला था. इस बार अच्छी रैंक के कारण उन्हें एसडीएम का पद मिलेगा. संदीप तिवारी के पिता गांव में नलकूप चालक हैं और मां गृहणी. बावजूद इसके उन्होंने कभी हार नहीं मानी और सफलता ने उनके कदम चूम लिए. इसी तरह हरदोई जिले के निवासी विशाल गुप्ता ने 49वीं रैंक हासिल की है. हिंदी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू की. विशाल के पिता जनरल मर्चेंट की दुकान चलाते हैं और माता गृहिणी हैं. विशाल के पास भी बहुत संसाधन नहीं थे. फिर भी उन्होंने कभी अभावों को बाधा नहीं माना और निरंतर आगे बढ़ते गए. आज उनके माता-पिता गौरव से अपने पुत्र पर नाज करते हैं.


यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी
यूपीपीसीएस की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े डॉ प्रदीप यादव कहते हैं 'कई बार अधिक संसाधन भी प्रगति में बाधक बन जाते हैं. मैंने ऐसे तमाम छात्र-छात्राओं को देखा है, जिनके परिवारीजनों ने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका बेटा इतने ऊंचे ओहदे पर पहुंचेगा, लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर लोगों ने कर दिखाया. आज के दौर में यदि कोई गंभीरता से पढ़ाई की लौ जगा ले तो उसके सामने संसाधनों की चुनौतियां नहीं हैं. इंटरनेट से लगाकर सरकारी संसाधनों तक शिक्षण सामग्री की भरमार है. बस दृढ़निश्चय और लगन की जरूरत है. कई विद्यार्थी सहयोगियों से सामग्री और पुस्तकें लेकर परीक्षाओं में सफल हो जाते हैं, जबकि जिनके पास सभी सुविधाएं होती हैं, वह पिछड़ जाते हैं.'

यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन की प्रतिमा का किया अनावरण, कहा- सादगी और शालीनता की मिसाल थे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.