लखनऊ. समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली सजा के बाद विधानसभा सचिवालय की तरफ से पिछले दिनों उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. अब भारतीय जनता पार्टी के मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से निर्वाचित विधायक विक्रम सैनी की भी सदस्यता रद्द हो गई है. दरअसल, मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी भाजपा विधायक विक्रम सैनी (MLA Vikram Saini) को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई थी.
एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा 11 अक्टूबर 2022 को सुनाई थी. जनप्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत विक्रम सैनी को सुनाई गई सजा के क्रम में उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई है. अब विधानसभा सचिवालय की तरफ से जल्द ही मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करने की कार्यवाही की जाएगी. दरअसल, इस पूरे मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट की तरफ से सजा सुनाए जाने के बाद सजा की आदेश की प्रति विधानसभा सचिवालय को नहीं मिल पाई, जिसकी वजह से सीट रिक्त घोषित नहीं की गई थी, लेकिन उनकी सदस्यता रद्द हो गई है.
इस पूरे मामले में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अंतर्गत किसी भी विधायक या सांसद को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होने पर सदस्यता स्वता ही समाप्त हो जाती है, जहां तक विक्रम सैनी के मामले की बात है न्यायालय के आदेश की प्रति मिलने के बाद खतौली विधानसभा सीट रिक्त घोषित की जाएगी. वहीं उत्तर प्रदेश में दो विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद जल्द ही उपचुनाव कराए जाने का नोटिफिकेशन निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी किया जाएगा. वहीं भाजपा विधायक विक्रम सैनी (MLA Vikram Saini) के मामले को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर सवाल खड़े किए थे, हालांकि उनकी सदस्यता अब रद्द हो चुकी है.
मुजफ्फरनगर जनपद के खतौली विधानसभा से भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रद्द कर दी है. दो दिन पहले आरएलडी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने आजम खान के मामले में विधानसभा अध्यक्ष के त्वरित कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा था. साथ ही कहा था कि सपा नेता आजम खां के मामले में त्वरित कार्रवाई तो कर दी गई पर भाजपा विधायक के मामले में इतनी जल्दबाजी क्यों नहीं दिखाई गई. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस मामले पर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि आखिरकार कोर्ट के आदेश का संज्ञान लेकर भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द की गई.
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आख़िरकार कोर्ट के आदेश का संज्ञान लेकर भाजपा के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द की गई है।
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उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष को मेरे पत्र के बाद कुछ लोग कह रहे थे की मुझे जन प्रतिनिधित्व क़ानून की पूरी जानकारी नहीं है! सदन की गरिमा के लिए ये कदम अनिवार्य था।
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— Jayant Singh (@jayantrld) November 4, 2022
उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष को मेरे पत्र के बाद कुछ लोग कह रहे थे की मुझे जन प्रतिनिधित्व क़ानून की पूरी जानकारी नहीं है! सदन की गरिमा के लिए ये कदम अनिवार्य था।आख़िरकार कोर्ट के आदेश का संज्ञान लेकर भाजपा के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द की गई है।
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उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष को मेरे पत्र के बाद कुछ लोग कह रहे थे की मुझे जन प्रतिनिधित्व क़ानून की पूरी जानकारी नहीं है! सदन की गरिमा के लिए ये कदम अनिवार्य था।
विधानसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र : जयंत चौधरी ने पत्र में लिखा है कि महोदय इस संदर्भ में आपका ध्यान मैं खतौली (मुजफ्फरनगर) से भाजपा विधायक विक्रम सैनी के प्रकरण की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा. जिन्हें 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के लिए स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 11 अक्टूबर 2022 को जनप्रतिनिधि कानून के तहत दो साल की सजा सुनाई गई. उस प्रकरण में आप की ओर से आज तक कोई पहलकदमी नहीं की गई. सवाल यह है कि क्या सत्ताधारी दल और विपक्ष के विधायक के लिए कानून की व्याख्या अलग-अलग तरीके से की जा सकती है? यह सवाल तब तक अस्तित्व में रहेगा, जब तक आप भाजपा विधायक विक्रम सैनी के मामले में ऐसे ही पहलकदमी नहीं करते. उन्होंने आगे लिखा कि आशा है कि आप मेरे पत्र का संज्ञान लेते हुए न्याय की स्वस्थ परंपरा के लिए विक्रम सैनी के प्रकरण में भी शीघ्र ही कोई ऐसा निर्णय अवश्य लेंगे जो सिद्ध करेगा कि न्याय की लेखनी का रंग एक सा होता है भिन्न-भिन्न नहीं.
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