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यूपी में कैदियों से मिले उनके परिजन, 16 माह तक नहीं हुई मुलाकात

उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों से मिलने के लिए उनके परिजनों को कोरोना (corona) के चलते पिछले 16 माह से रोका गया था. अब इसमें कुछ रियायत की गई है. सोमवार को उत्तर प्रदेश की कई जेलों में कैदियों से उनके परिजनों ने मुलाकात की.

16 अगस्त को कैदियों से मिले उनके परिजन.
16 अगस्त को कैदियों से मिले उनके परिजन.
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Published : Aug 16, 2021, 7:40 PM IST

लखनऊ: कोविड संक्रमण (covid infection) की वजह से 16 माह से जेल में बंद चल रही मुलाकात का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है, लेकिन संक्रमण को देखते हुए कुछ पाबंदियां अभी भी लगाई गई हैं, जिसका पालन करते हुए ही कैदियों और बंदियों से उनके परिजनों को मिलने की अनुमति दी गई है. सोमवार को यूपी की 23 जेलों में कैदियों से 269 परिजनों ने मुलाकात की.

डीजी जेल आनंद कुमार (DG Jail Anand Kumar) ने बताया कि जेलों में कोविड हेल्प डेस्क को सक्रिय किया गया है. मुलाकात के लिए कुछ शर्तें लगाई रखी गई हैं. उन्होंने कहा कि कैदियों के परिजनों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा. उन्हें 72 घण्टे पूर्व आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट के साथ मास्क लगाकर ही आना होगा. एक बंदी से दो परिजनों की एक सप्ताह में एक बार ही मुलाकात कराई जा रही है. मुलाकात के बाद गेट पर उसका पूरा सेनिटाइजेशन होगा. कैदियों को भी पूरी तरह से सेनिटाइज करने के बाद ही बैरक में ले जाया जाएगा.

16 अगस्त को कैदियों से मिले उनके परिजन.
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के बाद पिछले साल अप्रैल से ही कैदियों की मुलाकत पर रोक लगा दी गई थी. कोरोना की दूसरी लहर में तमाम कैदियों और जेल कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो गई थी. हालात खराब होने पर डीजी जेल ने कैदियों की मुलाकात पर रोक लगाते हुए बाहर से सामान ले जाने पर भी रोक लगा दी थी. इसकी वजह से लोग जेल में बंद अपने परिचितों से मिलने के लिए लंबे समय से जेल का चक्कर लगा रहे थे. 16 अगस्त से कैदियों से मुलाकात का निर्धारित समय 2 बजे तक किया गया है.
अब तक सेंट्रल जेल बरेली में 12, नोएडा में 18, लखनऊ 64, फिरोजाबाद 06, बाराबंकी 14, उन्नाव 02, सीतापुर 12, मैनपुरी 46, पीलीभीत 03, बस्ती 04, चित्रकूट 04, जिला जेल वाराणसी 06, मुरादाबाद 38, जिला जेल आगरा 24, गाजीपुर 03, इटावा 09, गाजियाबाद 03, जिला जेल फतेहगढ़ में 01 लोगों ने मुलाकात की.
जिन कैदियों के परिजनों का आरटीपीसीआर (RTPCR) नहीं था, जेल प्रशासन ने उनके टेलीफोन पर कैदियों से बात कराई. कासगंज, ललितपुर, हमीरपुर, सिद्धार्थनगर, कौशाम्बी, फतेहपुर आदि जेलों में गए लोगों के पास आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट नहीं थी. उनकी इण्टरकॉम से घर वालों से बात कराई गई और भविष्य में आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट लेकर आने को कहा गया. प्रदेश में ये सूचना देने के लिए प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है.

लखनऊ: कोविड संक्रमण (covid infection) की वजह से 16 माह से जेल में बंद चल रही मुलाकात का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है, लेकिन संक्रमण को देखते हुए कुछ पाबंदियां अभी भी लगाई गई हैं, जिसका पालन करते हुए ही कैदियों और बंदियों से उनके परिजनों को मिलने की अनुमति दी गई है. सोमवार को यूपी की 23 जेलों में कैदियों से 269 परिजनों ने मुलाकात की.

डीजी जेल आनंद कुमार (DG Jail Anand Kumar) ने बताया कि जेलों में कोविड हेल्प डेस्क को सक्रिय किया गया है. मुलाकात के लिए कुछ शर्तें लगाई रखी गई हैं. उन्होंने कहा कि कैदियों के परिजनों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा. उन्हें 72 घण्टे पूर्व आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट के साथ मास्क लगाकर ही आना होगा. एक बंदी से दो परिजनों की एक सप्ताह में एक बार ही मुलाकात कराई जा रही है. मुलाकात के बाद गेट पर उसका पूरा सेनिटाइजेशन होगा. कैदियों को भी पूरी तरह से सेनिटाइज करने के बाद ही बैरक में ले जाया जाएगा.

16 अगस्त को कैदियों से मिले उनके परिजन.
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के बाद पिछले साल अप्रैल से ही कैदियों की मुलाकत पर रोक लगा दी गई थी. कोरोना की दूसरी लहर में तमाम कैदियों और जेल कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो गई थी. हालात खराब होने पर डीजी जेल ने कैदियों की मुलाकात पर रोक लगाते हुए बाहर से सामान ले जाने पर भी रोक लगा दी थी. इसकी वजह से लोग जेल में बंद अपने परिचितों से मिलने के लिए लंबे समय से जेल का चक्कर लगा रहे थे. 16 अगस्त से कैदियों से मुलाकात का निर्धारित समय 2 बजे तक किया गया है.
अब तक सेंट्रल जेल बरेली में 12, नोएडा में 18, लखनऊ 64, फिरोजाबाद 06, बाराबंकी 14, उन्नाव 02, सीतापुर 12, मैनपुरी 46, पीलीभीत 03, बस्ती 04, चित्रकूट 04, जिला जेल वाराणसी 06, मुरादाबाद 38, जिला जेल आगरा 24, गाजीपुर 03, इटावा 09, गाजियाबाद 03, जिला जेल फतेहगढ़ में 01 लोगों ने मुलाकात की.
जिन कैदियों के परिजनों का आरटीपीसीआर (RTPCR) नहीं था, जेल प्रशासन ने उनके टेलीफोन पर कैदियों से बात कराई. कासगंज, ललितपुर, हमीरपुर, सिद्धार्थनगर, कौशाम्बी, फतेहपुर आदि जेलों में गए लोगों के पास आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट नहीं थी. उनकी इण्टरकॉम से घर वालों से बात कराई गई और भविष्य में आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट लेकर आने को कहा गया. प्रदेश में ये सूचना देने के लिए प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है.
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