लखनऊ: 21 मार्च को समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की प्रदेश मुख्यालय में बैठक रखी गई है. इस बैठक में अखिलेश यादव सभी विधायकों को सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे और दिशा निर्देश देंगे. खास बात यह है कि इस बैठक में विधानसभा में समाजवादी पार्टी विधायक दल के नेता का भी चयन किया जाएगा. वहीं सपा नेताओं का कहना है कि शिवपाल यादव का नाम तो चर्चा में है ही, इनके अलावा कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव हारने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का भी नाम चर्चा में है.
हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाना काफी कठिन है, क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य खुद चुनाव हार चुके हैं. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से इस्तीफा देकर स्वामी प्रसाद मौर्य को उपचुनाव लड़ा सकते हैं. जिसमें अभी करीब 6 महीने से अधिक का समय भी लग सकता है. विधानसभा चुनाव के ठीक बाद उपचुनाव कराए जाने की व्यवस्था कम से कम 6 महीने तक बनने की संभावना नहीं है.
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ऐसी परिस्थिति में किसी अन्य नेता को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर 21 मार्च की बैठक में फैसला लिया जा सकता है. इसके अलावा अखिलेश यादव ने पार्टी संगठन से जुड़े नेताओं से हार की समीक्षा को लेकर भी एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट आने के बाद आने वाले कुछ दिनों में संगठन में फेरबदल किया जा सकता है. जहां जो कमियां हैं उसे दुरुस्त करते हुए कुछ नेताओं को हटाना और कुछ नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारी दिए जाने का भी काम किया जाएगा. पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की तरफ से बीजेपी को सड़क से लेकर सदन तक घेरने की रणनीति पर चर्चा करेंगे और रूपरेखा तैयार करेंगे.
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