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लखनऊ: CAA, NPR और NRC के विरोध में बैठक, मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बुद्धिजीवी वर्ग हुआ शामिल - ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

राजधानी लखनऊ में एनसीआर, एनपीआर और एनआरसी को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं की बैठक हुई. इस बैठक में शामिल बुद्धिजीवियों ने कहा कि आजाद भारत में यह पहला मौका है, जब देश के हर कोने में देशवासी इतनी बड़ी तादाद में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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CAA, NPR और NRC को लेकर हुई बैठक.
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Published : Feb 2, 2020, 11:26 PM IST

लखनऊ: राजधानी में CAA, NPR और NRC के खिलाफ मुमताज डिग्री कॉलेज में रविवार को एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बड़ी तादाद में शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं के अलावा बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े कई लोग मौजूद रहे. साथ ही बैठक में नागरिकता कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाए जाने और इसके खिलाफ आवाज उठाए जाने की बात कही गई.

CAA, NPR और NRC को लेकर हुई बैठक.

CAA के खिलाफ बैठक का आयोजन
केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून और NRC को पूरे भारत में लागू किए जाने के एलान के बाद से बड़े पैमाने पर छात्रों के साथ मुस्लिम औरतें, समाज सेवी संगठन के अलावा विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. इसके तहत दिल्ली और यूपी समेत भारत के कई राज्यों में लोग बड़ी तादाद में धरना प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को लखनऊ में भी एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश भर से मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ तमाम बुद्धिजीवी वर्ग के लोग बड़ी तादाद में शामिल हुए.

ये भी पढ़ें- बदायूं: अज्ञात वाहन की टक्कर से मारुति वैन सवार 4 की मौत

आजादी के बाद सबसे विशाल प्रदर्शन
इस बैठक में शामिल बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद शायद यह पहला मौका है कि देश के हर कोने में देशवासी इतनी बड़ी तादाद में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा हुकूमत संविधान को नजरअंदाज करते हुए कानून बना रही है, जो हरगिज जायज नहीं है.

'बांटो और शासन करो' की नीति अपना रही सरकार
CAA, NRC के बारे में देशवासियों को गुमराह करने की सरकारी कोशिशों के बावजूद भी लोग यह बात जान रहे हैं कि यह कानून जनता को बांटने की सियासत है. इससे लोकतंत्र को बहुत खतरा होगा. इस दौरान बैठक में मौजूद लोगों ने मुल्क के मौजूदा हालात पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 'बांटो और शासन करो' की यह नीति गिरती अर्थव्यवस्था को और नीचे ले जाएगी.

CAA के खिलाफ होगा आंदोलन
बैठक में सीनियर एडवोकेट और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और जमीयत-ए-अहले-हदीस के अध्यक्ष मौलाना शबीउद्दीन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया के सरकार की इन नीतियों और लोगों को बांटने वाले क़ानून के खिलाफ कमेटी गठन कर आंदोलन चलाया जाएगा.

लखनऊ: राजधानी में CAA, NPR और NRC के खिलाफ मुमताज डिग्री कॉलेज में रविवार को एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बड़ी तादाद में शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं के अलावा बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े कई लोग मौजूद रहे. साथ ही बैठक में नागरिकता कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाए जाने और इसके खिलाफ आवाज उठाए जाने की बात कही गई.

CAA, NPR और NRC को लेकर हुई बैठक.

CAA के खिलाफ बैठक का आयोजन
केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून और NRC को पूरे भारत में लागू किए जाने के एलान के बाद से बड़े पैमाने पर छात्रों के साथ मुस्लिम औरतें, समाज सेवी संगठन के अलावा विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. इसके तहत दिल्ली और यूपी समेत भारत के कई राज्यों में लोग बड़ी तादाद में धरना प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को लखनऊ में भी एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश भर से मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ तमाम बुद्धिजीवी वर्ग के लोग बड़ी तादाद में शामिल हुए.

ये भी पढ़ें- बदायूं: अज्ञात वाहन की टक्कर से मारुति वैन सवार 4 की मौत

आजादी के बाद सबसे विशाल प्रदर्शन
इस बैठक में शामिल बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद शायद यह पहला मौका है कि देश के हर कोने में देशवासी इतनी बड़ी तादाद में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा हुकूमत संविधान को नजरअंदाज करते हुए कानून बना रही है, जो हरगिज जायज नहीं है.

'बांटो और शासन करो' की नीति अपना रही सरकार
CAA, NRC के बारे में देशवासियों को गुमराह करने की सरकारी कोशिशों के बावजूद भी लोग यह बात जान रहे हैं कि यह कानून जनता को बांटने की सियासत है. इससे लोकतंत्र को बहुत खतरा होगा. इस दौरान बैठक में मौजूद लोगों ने मुल्क के मौजूदा हालात पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 'बांटो और शासन करो' की यह नीति गिरती अर्थव्यवस्था को और नीचे ले जाएगी.

CAA के खिलाफ होगा आंदोलन
बैठक में सीनियर एडवोकेट और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और जमीयत-ए-अहले-हदीस के अध्यक्ष मौलाना शबीउद्दीन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया के सरकार की इन नीतियों और लोगों को बांटने वाले क़ानून के खिलाफ कमेटी गठन कर आंदोलन चलाया जाएगा.

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राजधानी लखनऊ में CAA,NPR और NRC के खिलाफ मुमताज डिग्री कॉलेज में एक बड़ी बैठक का रविवार को आयोजन किया गया जिसमें बड़ी तादाद में शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं के अलावा बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े कई लोग मौजूद रहे। इस बैठक में नागरिकता संशोधन कानून और NRC, NPR के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाये जाने और इसके खिलाफ आवाज़ उठाये जाने की बात कही गई।

Body:केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून और NRC को पूरे भारत मे लागू किये जाने के एलान के बाद से बड़े पैमाने पर छात्रों के साथ मुस्लिम औरते समाज सेवी संघठन के अलावा विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे है जिसके चलते दिल्ली और यूपी समेत भारत के कई राज्यो में लोग बड़ी तादाद में धरना प्रदर्शन करते नज़र आ रहे है इसी कड़ी में लखनऊ में भी एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश भर से मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ तमाम बुद्धिजीवी वर्ग के लोग बड़ी तादाद में शामिल हुए। इस बैठक में शामिल बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजाद भारत में शायद यह पहला मौका है कि देश के हर कोने में देशवासी इतनी बड़ी तादाद में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मौजूदा हुकूमत संविधान को नजरअंदाज करते हुए कानून बना रही है जो हरगिज़ जायज़ नहीं है। caa, nrc के बारे में देशवासियों को गुमराह करने की सरकारी कोशिशों के बावजूद भी लोग यह बात जान रहे हैं कि यह कानून जनता को बांटने की सियासत है और इससे लोकतंत्र को गंभीर खतरा होगा। इस दौरान मुल्क के मौजूदा हालात पर भी बैठक में मौजूद लोगों ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बांटो और शासन करो की यह नीति गिरती अर्थव्यवस्था को और नीचे ले जाएगी। इस दौरान C A A कानून से मुसलमानों को बाहर रखने पर लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सवाल सिर्फ मुसलमानों के साथ किए जाने वाले असंवैधानिक भेदभाव का नहीं बल्कि यह देश के लोकतंत्र और हर वर्ग के देशवासी की जिंदगी और अधिकार के साथ देश के संविधान का है।

इस बैठक में सीनियर एडवोकेट और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास, और जमीयत ए अहले हदीस के अध्यक्ष मौलाना शबीउद्दीन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया के सरकार की इन नीतियों और लोगो को बांटने वाले क़ानून के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाया जायेगा जिसके लिये कमेटी का भी गठन होगा।

बाइट- जफरयाब जिलानी,सचिव, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

बाइट- मौलाना सैफ अब्बास अध्यक्ष, शिया चांद कमेटी
Conclusion:
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