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Building collapsed in Lucknow : अलाया अपार्टमेंट पीड़ितों का दर्द, पहले बिल्डर, फिर नियति और अब प्रशासन कर रहा निराश - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

अलाया अपार्टमेंट ढहने के मामले (Building collapsed in Lucknow) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई थी. इसमें कमिश्नर रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त लखनऊ पीयूष मोर्डिया एवं चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी शामिल हैं.

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Published : Jan 31, 2023, 3:23 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 8:10 PM IST

लखनऊ : पहले बिल्डर ने लूटा फिर नियति ने कहर ढहाया और अब सिस्टम से आश्वासन मिल रहा है. ये उन एक दर्जन परिवारों की पीड़ा है, जो अलाया अपार्टमेंट के ढहने के बाद अपना सब कुछ खो चुके हैं. बची हुई आशा लेकर ये सभी परिवार मंगलवार को जांच समिति के सामने पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों ने आश्वासन ही दिया, जिसके बाद इस आश्वासन और आंखों में आंसू लेकर सभी परिवार कमिश्नर कार्यालय से निकल गए.

रंजना की तरह आफरीन हैदर भी जांच समिति के सामने पहुंची थीं. उन्होंने अधिकारियों को बताया कि 'उनका परिवार बिखर चुका है. किसी के पास भी रहने को छत नहीं है. उनके सभी जेवर, पैसे और गृहस्थी मलबा साफ करने वाले उठा ले गए हैं. उनके बैग तो मिल रहे हैं, लेकिन सब खाली हैं.' आफरीन ने कहा कि 'जब उन्होंने जांच समिति से कहा कि उनके पास रहने को घर नहीं है तो अधिकारी ने कहा कि अपने रिश्तेदार के यहां जाइए.'

बैठक में पहुंचे पीड़ित
बैठक में पहुंचे पीड़ित

रंजना और आफरीन की तरह अलाया अपार्टमेंट के सभी आवंटियों को कमिश्नर कार्यालय बुलाया गया था. घटना के लिए जिम्मेदारों पर करवाई और पीड़ितों को मदद देने के लिए इनके बयान लिए जाने थे. जांच समिति में कमिश्नर रोशन जैकब, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया और एलडीए के चीफ इंजीनियर थे. तीनों अधिकारियों ने आवंटियों से एक-एक करके सवाल किए, लेकिन जब आवंटियों ने पूछा की सरकार हमें क्या मदद दे रही, तो अधिकारी चुप्पी साध गए.


आवंटी हनी हैदर ने बताया कि 'उनके किचन से लेकर बेडरूम तक का लाखों का सामान मलबे में दब गया. घर में जो थोड़े बहुत गहने और कैश था उसे कर्मचारी ले गए. अब उनके पास न तो रहने को घर रह गया न ही रुपया. बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड सब चला गया. इस पर कमिश्नर ने आश्वासन दिया कि हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. चोरी करने वालों को चिन्हित करके कार्रवाई की जाएगी.



बैठक में पीड़ित परिजनों ने अपने आशियाने और संपत्ति को लेकर मांग उठाई. पीड़ित परिजनों का कहना है कि इस बैठक में निराशा मिली है, सिर्फ आश्वाशन दिया गया है. न रहने के लिए घर है और न कोई सामान बचा है, आखिर जाएं कहां?'

मंडलायुक्त रोशन जैकब का कहना कि 'जो जांच कमेटी बनाई गई है वो इस बात की जांच कर रही कि कैसे हादसा हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन-कौन लोग हैं. किन विभागों की लापरवाही रही. मलबे में जो सामान मिल रहा उसे पीड़ित परिजनों को दिया जा रहा है. कोई सामान चोरी नहीं हुआ ये सूचना गलत है. मजिस्ट्रेट और पुलिस की निगरानी में सामान खोजा जा रहा है. अभी भी मौके पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मलबे से सामान खोजने का काम जारी है. आज पीड़ित परिजनों की बात को सुनने के लिए उन्हें भी इस मीटिंग में बुलाया गया था.'

क्या था मामला : राजधानी के हजरतगंज स्थित वजीर हसन रोड क्षेत्र में बीती मंगलवार शाम एक इमारत गिर गई थी. इसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित अन्य एजेंसियों ने राहत कार्य शुरू कर दिया था. ‌अपार्टमेंट में कई परिवार रह रहे थे. अलाया अपार्टमेंट में 7 परिवारों के रहने की बात सामने आई थी, जबकि 15 से 20 लोगों के फंसे होने की सूचना थी. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए थे. अपार्टमेंट से कई लोगों को बचाया गया था.

यह भी पढ़ें : Building Collapsed in Lucknow: 13 साल पहले बिल्डिंग को गिराने का आदेश देकर भूल गए थे अफसर

लखनऊ : पहले बिल्डर ने लूटा फिर नियति ने कहर ढहाया और अब सिस्टम से आश्वासन मिल रहा है. ये उन एक दर्जन परिवारों की पीड़ा है, जो अलाया अपार्टमेंट के ढहने के बाद अपना सब कुछ खो चुके हैं. बची हुई आशा लेकर ये सभी परिवार मंगलवार को जांच समिति के सामने पहुंचे थे, लेकिन अधिकारियों ने आश्वासन ही दिया, जिसके बाद इस आश्वासन और आंखों में आंसू लेकर सभी परिवार कमिश्नर कार्यालय से निकल गए.

रंजना की तरह आफरीन हैदर भी जांच समिति के सामने पहुंची थीं. उन्होंने अधिकारियों को बताया कि 'उनका परिवार बिखर चुका है. किसी के पास भी रहने को छत नहीं है. उनके सभी जेवर, पैसे और गृहस्थी मलबा साफ करने वाले उठा ले गए हैं. उनके बैग तो मिल रहे हैं, लेकिन सब खाली हैं.' आफरीन ने कहा कि 'जब उन्होंने जांच समिति से कहा कि उनके पास रहने को घर नहीं है तो अधिकारी ने कहा कि अपने रिश्तेदार के यहां जाइए.'

बैठक में पहुंचे पीड़ित
बैठक में पहुंचे पीड़ित

रंजना और आफरीन की तरह अलाया अपार्टमेंट के सभी आवंटियों को कमिश्नर कार्यालय बुलाया गया था. घटना के लिए जिम्मेदारों पर करवाई और पीड़ितों को मदद देने के लिए इनके बयान लिए जाने थे. जांच समिति में कमिश्नर रोशन जैकब, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोर्डिया और एलडीए के चीफ इंजीनियर थे. तीनों अधिकारियों ने आवंटियों से एक-एक करके सवाल किए, लेकिन जब आवंटियों ने पूछा की सरकार हमें क्या मदद दे रही, तो अधिकारी चुप्पी साध गए.


आवंटी हनी हैदर ने बताया कि 'उनके किचन से लेकर बेडरूम तक का लाखों का सामान मलबे में दब गया. घर में जो थोड़े बहुत गहने और कैश था उसे कर्मचारी ले गए. अब उनके पास न तो रहने को घर रह गया न ही रुपया. बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड सब चला गया. इस पर कमिश्नर ने आश्वासन दिया कि हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. चोरी करने वालों को चिन्हित करके कार्रवाई की जाएगी.



बैठक में पीड़ित परिजनों ने अपने आशियाने और संपत्ति को लेकर मांग उठाई. पीड़ित परिजनों का कहना है कि इस बैठक में निराशा मिली है, सिर्फ आश्वाशन दिया गया है. न रहने के लिए घर है और न कोई सामान बचा है, आखिर जाएं कहां?'

मंडलायुक्त रोशन जैकब का कहना कि 'जो जांच कमेटी बनाई गई है वो इस बात की जांच कर रही कि कैसे हादसा हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन-कौन लोग हैं. किन विभागों की लापरवाही रही. मलबे में जो सामान मिल रहा उसे पीड़ित परिजनों को दिया जा रहा है. कोई सामान चोरी नहीं हुआ ये सूचना गलत है. मजिस्ट्रेट और पुलिस की निगरानी में सामान खोजा जा रहा है. अभी भी मौके पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मलबे से सामान खोजने का काम जारी है. आज पीड़ित परिजनों की बात को सुनने के लिए उन्हें भी इस मीटिंग में बुलाया गया था.'

क्या था मामला : राजधानी के हजरतगंज स्थित वजीर हसन रोड क्षेत्र में बीती मंगलवार शाम एक इमारत गिर गई थी. इसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित अन्य एजेंसियों ने राहत कार्य शुरू कर दिया था. ‌अपार्टमेंट में कई परिवार रह रहे थे. अलाया अपार्टमेंट में 7 परिवारों के रहने की बात सामने आई थी, जबकि 15 से 20 लोगों के फंसे होने की सूचना थी. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए थे. अपार्टमेंट से कई लोगों को बचाया गया था.

यह भी पढ़ें : Building Collapsed in Lucknow: 13 साल पहले बिल्डिंग को गिराने का आदेश देकर भूल गए थे अफसर

Last Updated : Jan 31, 2023, 8:10 PM IST
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