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लखनऊ: केजीएमयू प्रशासन ने रैंकिंग में सुधार को लेकर की बैठक

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क में पांच पायदान नीचे गिरने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने भी स्वीकार कर लिया है कि शोध और प्लेसमेंट की वजह से ऐसा हुआ है. हाल ही में इस संबंध में क्वालिटी कंट्रोल एंड प्लानिंग सेल की बैठक हुई. इस बैठक में रैंकिंग के सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई.

केजीएमयू ने रैंकिंग में स्थिति सुधारने के लिए की बैठक
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Published : Apr 19, 2019, 3:30 AM IST

लखनऊ: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क में केजीएमयू दसवें पायदान पर आ गया है. अब इस बात को केजीएमयू प्रशासन ने भी स्वीकार कर लिया है कि शोध अच्छे न होने के कारण केजीएमयू दसवें पायदान पर है. इसकी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए क्वालिटी कंट्रोल एंड प्लानिंग सेल की बैठक की गई.

केजीएमयू ने रैंकिंग में स्थिति सुधारने के लिए की बैठक

केजीएमयू की रैंकिंग सुधारने को लेकर हुई बैठक

  • एनआईआरएफ रैंकिंग पांच क्राइटेरिया पर घोषित होती है.
  • इस क्राइटेरिया में टीचिंग, लर्निंग, रिसर्च, जॉब प्लेसमेंट, ग्रैजुएट आउट कम और आउट रिजर्व प्रशासन पर अंक दिए जाते हैं.
  • केजीएमयू को टीचिंग, लर्निंग में 71.17 अंक प्राप्त हुए.
  • रिसर्च प्लेसमेंट में 42.55 अंक और ग्रैजुएट आउटकम में 73.14 अंक मिले हैं.

इन तीनों में ही पिछले सालों के अंको से भारी गिरावट आई है. इस वजह से केजीएमयू ने समीक्षा बैठक कर इन बिंदुओं पर विचार किया.
इन तीनो में ही शहर के एसजीपीजीआई को ज्यादा अंक मिले हैं. इस वजह से एसजीपीजीआई रैंकिंग में चौथे पायदान पर पहुंच गया है, जबकि केजीएमयू दसवें पायदान पर आ गया. बैठक में तय किया गया है कि अब इन सभी बिंदुओं पर काम किया जाएगा, ताकि अगली रैंकिंग में सुधार हो सके.


प्लसेमेंट सेल की कमी
सौ साल पुराना संस्थान होने के बाद भी केजीएमयू में आज तक यहां प्लेसमेंट सेल नहीं बनाया गया है. इस कारण विवि से छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हो पता. इस कैटिगरी में विवि को सबसे कम अंक मिले हैं. पिछले साल महज 37 पीएचडी केजीएमयू में हुईं, जबकि यहां पीएचडी की सीटें एक हजार से अधिक हैं. प्रत्येक वर्ष 100 एडमिशन भी केजीएमयू में पीएचडी के नहीं होते हैं. इस कारण शोध कार्य यहां पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

लखनऊ: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क में केजीएमयू दसवें पायदान पर आ गया है. अब इस बात को केजीएमयू प्रशासन ने भी स्वीकार कर लिया है कि शोध अच्छे न होने के कारण केजीएमयू दसवें पायदान पर है. इसकी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए क्वालिटी कंट्रोल एंड प्लानिंग सेल की बैठक की गई.

केजीएमयू ने रैंकिंग में स्थिति सुधारने के लिए की बैठक

केजीएमयू की रैंकिंग सुधारने को लेकर हुई बैठक

  • एनआईआरएफ रैंकिंग पांच क्राइटेरिया पर घोषित होती है.
  • इस क्राइटेरिया में टीचिंग, लर्निंग, रिसर्च, जॉब प्लेसमेंट, ग्रैजुएट आउट कम और आउट रिजर्व प्रशासन पर अंक दिए जाते हैं.
  • केजीएमयू को टीचिंग, लर्निंग में 71.17 अंक प्राप्त हुए.
  • रिसर्च प्लेसमेंट में 42.55 अंक और ग्रैजुएट आउटकम में 73.14 अंक मिले हैं.

इन तीनों में ही पिछले सालों के अंको से भारी गिरावट आई है. इस वजह से केजीएमयू ने समीक्षा बैठक कर इन बिंदुओं पर विचार किया.
इन तीनो में ही शहर के एसजीपीजीआई को ज्यादा अंक मिले हैं. इस वजह से एसजीपीजीआई रैंकिंग में चौथे पायदान पर पहुंच गया है, जबकि केजीएमयू दसवें पायदान पर आ गया. बैठक में तय किया गया है कि अब इन सभी बिंदुओं पर काम किया जाएगा, ताकि अगली रैंकिंग में सुधार हो सके.


प्लसेमेंट सेल की कमी
सौ साल पुराना संस्थान होने के बाद भी केजीएमयू में आज तक यहां प्लेसमेंट सेल नहीं बनाया गया है. इस कारण विवि से छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हो पता. इस कैटिगरी में विवि को सबसे कम अंक मिले हैं. पिछले साल महज 37 पीएचडी केजीएमयू में हुईं, जबकि यहां पीएचडी की सीटें एक हजार से अधिक हैं. प्रत्येक वर्ष 100 एडमिशन भी केजीएमयू में पीएचडी के नहीं होते हैं. इस कारण शोध कार्य यहां पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

Intro:एंकर- नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रैंकिंग फ्रेमवर्क में पांच पायदान नीचे गिरने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने भी स्वीकार कर लिया है कि शोध और प्लेसमेंट की वजह से ऐसा हुआ है। हाल ही मे इस संबंध में क्वालिटी कंट्रोल एंड प्लैनिंग सेल की बैठक हुई। उसमें रैंकिंग के सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई ।


Body:वी.ओ-नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रैंकिंग फ्रेमवर्क में पांच पायदान नीचे गिरने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने भी स्वीकार कर लिया है कि शोध और प्लेसमेंट की वजह से ऐसा हुआ है। हाल ही इस संबंध में क्वालिटी कंट्रोल एंड प्लैनिंग सेल की बैठक हुई। उसमें रैंकिंग के सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई।यही कारण है कि रैंकिंग में गिरावट आई है। कमेटी और उसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है। जो कि 15 दिनों के अंदर कुलपति को सौंपी जाएगी। एनआईआरएफ रैंकिंग में पांच क्राइटेरिया पर होती है। उसमें टीचिंग, लर्निंग,रिसर्च, जॉब प्लेसमेंट, ग्रैजुएट आउट कम, आउट रिजर्व प्रशासन पर अंक दिए जाते हैं। इसमें केजीएमयू को टीचिंग लर्निंग में 71.17 अंक रिसर्च प्लेसमेंट में 42.55 अंक और ग्रैजुएट आउटकम में 73.14 अंक मिले हैं। इन तीनों में ही पिछले सालों के अंको से भारी गिरावट आई है। इसके वजह से केजीएमयू ने समीक्षा बैठक करके इन बिंदुओं पर विचार किया है। इस बारे में जब हमने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर संखवार से बातचीत की तो उन्होंने हमसे उस सभी बिंदु साझा किए जिस पर समीक्षा की है।

बाइट-डॉ एस. एन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू


Conclusion:पीटीसी एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976

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