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डॉक्टर-पैरामेडिकल की फौज फिर भी ठप हैं वेंटीलेटर, दो मरीजों की मौत के बाद शासन ने तलब की रिपोर्ट

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में दो महिला मरीजों की मौत के बाद शासन हरकत में आया है. बीते दिनों वेंटीलेटर न मिलने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी. इस मामले में शासन ने रिपोर्ट तलब की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 3:40 PM IST

लखनऊ : ट्रॉमा सेंटर में वेंटीलेटर के अभाव में दो महिला मरीजों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शासन ने क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में 34 में सिर्फ 18 वेंटीलेटर के संचालन के मामले में रिपोर्ट तलब की है. इसके अलावा शासन ने विभाग में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ का ब्यौरा भी तलब किया है.

बता दें, ट्रॉमा सेंटर में दो महिला मरीजों की मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने दोनों मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत बताई थी, पर ट्रॉमा में मरीजों को वेंटीलेटर नहीं मिल पाया था. एम्बुबैग सपोर्ट पर मरीज कई दिनों तक थे. आखिर में दोनों महिलाओं की सांसें थम गई थीं.

ट्रॉमा सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का संचालन हो रहा है. यहां 34 वेंटीलेटर हैं. बीते शनिवार को ट्रॉमा में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड में महज 18 बेड पर मरीजों की भर्ती दर्ज की गई है. सभी 18 बेड फुल दिखाए जा रहे थे. बाकी 16 बेड का कोई ब्यौरा डिस्प्ले बोर्ड पर नहीं दिखाया गया. इस मसले को शासन ने गंभीरता से लिया है. शासन ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है. अधिकारियों का कहना है कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में सात नियमित डॉक्टर हैं. पांच डीएम छात्र हैं. तीन सीनियर रेजीडेंट हैं. पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ भी हैं. इसके बावजूद आधे अधूरे वेंटीलेटर का संचालन हो रहा है. इसकी वजह से गंभीर मरीजों को इलाज हासिल करने में अड़चन आ रही है. वेंटीलेटर के मरीजों को भुगतना पड़ता पड़ रहा है.

लखनऊ : ट्रॉमा सेंटर में वेंटीलेटर के अभाव में दो महिला मरीजों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शासन ने क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में 34 में सिर्फ 18 वेंटीलेटर के संचालन के मामले में रिपोर्ट तलब की है. इसके अलावा शासन ने विभाग में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ का ब्यौरा भी तलब किया है.

बता दें, ट्रॉमा सेंटर में दो महिला मरीजों की मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने दोनों मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत बताई थी, पर ट्रॉमा में मरीजों को वेंटीलेटर नहीं मिल पाया था. एम्बुबैग सपोर्ट पर मरीज कई दिनों तक थे. आखिर में दोनों महिलाओं की सांसें थम गई थीं.

ट्रॉमा सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का संचालन हो रहा है. यहां 34 वेंटीलेटर हैं. बीते शनिवार को ट्रॉमा में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड में महज 18 बेड पर मरीजों की भर्ती दर्ज की गई है. सभी 18 बेड फुल दिखाए जा रहे थे. बाकी 16 बेड का कोई ब्यौरा डिस्प्ले बोर्ड पर नहीं दिखाया गया. इस मसले को शासन ने गंभीरता से लिया है. शासन ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है. अधिकारियों का कहना है कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में सात नियमित डॉक्टर हैं. पांच डीएम छात्र हैं. तीन सीनियर रेजीडेंट हैं. पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ भी हैं. इसके बावजूद आधे अधूरे वेंटीलेटर का संचालन हो रहा है. इसकी वजह से गंभीर मरीजों को इलाज हासिल करने में अड़चन आ रही है. वेंटीलेटर के मरीजों को भुगतना पड़ता पड़ रहा है.

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