लखनऊ : चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशिलिटी कैंसर संस्थान में आने वाले कैंसर मरीजों की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं. क्योंकि यहां की फैकल्टी द्वारा पीजीआई के समान वेतनमान नहीं देने को लेकर आक्रोश बढ़ गया है. इसके तहत सोमवार से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य काम बंद करने का फैसला लिया गया है. इस बाबत संस्थान प्रशासन को बकायदा लेटर लिखकर नाराजगी जाहिर की गई है. हालांकि, अधिकारी जल्द समस्या दूर करने की बात कर रहे हैं.
कई फैकल्टी छोड़ चुकी : प्रदेश सरकार द्वारा कैंसर संस्थान को विश्वस्तरीय बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है. अभी यहां की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक कैंसर पीडि़त मरीज दिखाने के लिए आते हैं. फिलवक्त संस्थान फैकल्टी की कमी से जूझ रहा है. संस्थान महज 27 फैकल्टी के भरोसे चल रहा है. फैकल्टी द्वारा लगातार पीजीआई के समान वेतनमान देने की मांग की जा रही है. जिसके पूरा न होने के चलते बीते कई वर्षों में अबतक 20 से अधिक सुपर स्पेशलिस्ट फैकल्टी द्वारा संस्थान को अलविदा कहा जा चुका है. वहीं, कई अन्य फैकल्टी भी संस्थान छोड़ने का मन बना रहे हैं. ऐसे में मरीजों को पहले ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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कामकाज रहेगा ठप : एसोसिएशन के मुताबिक इस फैसले के विरोध में सोमवार की सुबह 8 बजे से काम बंद कर दिया जाएगा. हालांकि मरीजों की सुविधा को देखते हुए केवल इमरजेंसी कैंसर सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी. ऐसे में एसोसिएशन की मांग है कि कैंसर मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल इस फैसले को वापस लेने के लिए सरकार को पत्र भेजा जाए. कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि सभी को समझाया जाएगा. फिलहाल मामला सब-ज्यूडिस है जो भी निर्णय लिया जाएगा, उससे अवगत कराया जाएगा.
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डॉक्टरों के लिए राहत भरी खबर : चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियालिटी कैंसर संस्थान के डॉक्टरों के लिए राहत भरी खबर है. शासन ने वेतनमान संबंधी नया आदेश जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की है. आदेश में साफ कहा गया है कि राज्य सरकार के तहत सातवां वेतनमान नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों पर लागू होगा. पहले से तैनात 27 डॉक्टरों के वेतनमान का मामला कोर्ट में है. लिहाजा कोर्ट के आदेश पर ही आगे का फैसला होगा. शासनादेश 10 दिसंबर को उप सचिव एसपी सिंह की तरफ से जारी किया गया है. शासनादेश में कहा है कि संस्थान में वर्तमान में तैनात डॉक्टर-कर्मचारियों को पूर्व की भांति वेतन-भत्ते अनुमन्य रहेंगे. जब तक कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आ जाता है. संस्थान के बायलॉज के अनुसार भविष्य में प्रकाशित होने वाले भर्ती विज्ञापनों में राज्य कर्मचारियों को अनुमन्य वेतनमान दिया जाएगा. इस संबंध में शासनादेश संस्थान के निदेशक को भेज दिया गया है.
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