लखनऊ : चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश सरकार लगातार बदलाव कर रही है. प्रदेश सरकार अब पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाए जाने को लेकर और उनकी निगरानी करने के लिए उत्तर प्रदेश एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल गठित कर रही है. दरअसल, स्टेट मेडिकल फैकल्टी की तर्ज पर राज्य में पैरामेडिकल संस्थानों के लिए उप्र. एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल गठित होगी. काउंसिल के तहत पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता की निगरानी और मान्यता दी जाएगी. काउंसिल गठन के लिए अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आवेदन मांगे हैं.
केंद्र सरकार द्वारा मार्च-2021 में नेशनल कमिशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल एक्ट पास हो चुका है. एक्ट की धारा 22 (1) के अनुसार, राज्यों को तीन साल के अंदर राज्य स्तर पर काउंसिल गठित करनी है. इसी के तहत में ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल के गठन के लिए अध्यक्ष पद पर आवेदन मांगे हैं. इसके अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल का होगा. चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह के अनुसार, एक्ट में नियम सात, 11 व 12 में अध्यक्ष पद पर केवल पैरामेडिकल क्षेत्र में योग्यता रखने वाले ही 14 नवम्बर 2023 तक आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए किसी भी उच्च पैरामेडिकल की पीजी डिग्री के साथ ही किसी भी उच्च संस्थान या विश्वविद्यालय में 25 साल तक सेवाएं देने का अनुभव होना चाहिए. इसमें अन्य संस्थानों में सेवाएं देने वाले प्रतिनियुक्ति पर और सेवानिवृत्त हो चुके लोग भी आवेदन कर सकते हैं.
चिकित्सा क्षेत्र में चार काउंसिल : चिकित्सा क्षेत्र में चिकित्सकों के पंजीकरण के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन अंतर्गत स्टेट मेडिकल फैकल्टी, दंत चिकित्सकों के लिए इंडियन डेंटल काउंसिल, नर्सेस के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल और अब पैरामेडिकल के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल गठित की जा रही है. मालूम हो कि वर्तमान में पैरामेडिकल संस्थान, स्टेट मेडिकल फैकल्टी अंतर्गत संचालित होते हैं.'