लखनऊ: राजधानी का लोहिया संस्ठान इन दिनों एक नई इबारत लिख रहा है. यहां सीनियर छात्रों द्वारा जारी किए गए फरमान को संस्ठान प्रशासन अनुशासन बता रहा है. दरअसल एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्रों को जीरो मशीन से बाल कटवाने और तीसरे बटन को देखकर चलने का फरमान सीनियर छात्रों के द्वारा दिया गया है. एमबीबीएस प्रथम वर्ष के सभी छात्र इसी शैली में परिसर में अपनी पढ़ाई के लिए आते हैं. जो साफ प्रदर्शित करता है कि लोहिया संस्थान छात्रों के लिए कितना सुरक्षित है. इससे संस्थान में रैगिंग की आशंका गहरा गई है. आरोप है कि फर्स्ट ईयर के करीब 200 छात्रों को ऐसा फरमान सीनियर मेडिकोज ने जारी किया था. हालांकि संस्थान प्रशासन इस घटना को अनुशासन बता रहा है.
जीरो नंबर मशीन से बने बाल, शर्ट के तीसरे बटन तक झुकी नजरें...
जीरो नंबर मशीन से बने बाल और शर्ट के तीसरे बटन तक झुकी नजरों के साथ कतार से चलते छात्र से साफ दिख जाता है कि इनके चेहरे पर अपने सीनियर साथियों का खौफ है. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र इसी तरह से नजर आते हैं. आरोप है कि फर्स्ट ईयर के करीब 200 छात्रों के लिए ऐसा फरमान सीनियर मेडिकोज ने जारी किया था. लोहिया संस्थान में रैगिंग जैसी घटनाएं आम हो गई हैं. लोहिया संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में करीब 200 छात्र हैं. एक छात्र से पूछने पर उसने बताया कि सीनियर छात्रों के निर्देश पर सभी छात्रों के बाल छोटे करवाए गए हैं. इसके अलावा तीसरे नंबर की बटन को देखते हुए चलने का फरमान सीनियर मेडिकोज के द्वारा इन सभी छात्रों को दिया गया है. इस तरह के हालातों ने लोहिया संस्थान में रैगिंग की आशंका को बढ़ा दिया है.
लोहिया संस्थान में पहले भी हो चुकी है रैगिंग की घटनाएं
लखनऊ के लोहिया संस्थान में बीते दिनों भी रैगिंग की तमाम घटनाएं सामने आ चुकी हैं. हालांकि इसके बाद लोहिया प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषी छात्रों को निलंबित किया गया है. दरअसल बीते दिनों को छात्रों ने एंटी रैगिंग की केंद्रीय सेल पर मेल से शिकायत की थी. इस पर तत्कालीन निदेशक ने 4 छात्रों को निलंबित किया था. बाद में माफी मांगने पर इन्हें बहाल कर दिया गया था.
पिछले दिनों कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच मारपीट भी हुई थी. इस दौरान भी रैगिंग की बात सामने आई थी. प्रथम वर्ष के छात्रों ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल के एकेडमिक ब्लॉक जाते वक्त कर्मचारी भी टिप्पणी करते हैं. इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से इस पूरे मामले पर कड़ा रुख रखते हुए दोषी छात्रों को निलंबित किया गया था. इतनी सख्ती के बावजूद भी हालात लोहिया संस्थान में जस के तस बने हुए हैं.