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मेयो हॉस्पिटल की लापरवाही ने ली नवजात की जानः परिजन - negligence on mayo hospital

लखनऊ में स्थित मेयो हॉस्पिटल एक बार विवादों में घिर गया है. वाराणसी के रहने वाले अभय प्रताप सिंह ने मेयो हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाएं हैं. अभय प्रताप सिंह का कहना है कि मेयो संस्थान की लापरवाही के चलते उनकी बहू के नवजात की मौत हो गई.

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अस्पताल पर लापरवाही के आरोप
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Published : Jan 25, 2021, 10:43 PM IST

लखनऊः मेयो हॉस्पिटल एक बार विवादों में घिर गया है. वाराणसी के रहने वाले अभय प्रताप सिंह ने मेयो हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाएं हैं. अभय प्रताप सिंह का कहना है कि मेयो संस्थान की लापरवाही के चलते उनकी बहू के नवजात की मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला
अभय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके छोटे भाई की पत्नी मधुलिका सिंह ने 18 जनवरी को मेयो हॉस्पिटल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. दोनों बच्चे प्रीमेच्योर पैदा हुए थे. डिलीवरी के बाद दोनों बच्चों का मेयो अस्पताल में इलाज चल रहा था. रविवार को अस्पताल प्रशासन ने बच्चे की तबीयत खराब होने की बात कहते हुए ए पॉजिटिव ब्लड लाने को कहा.

निजी संस्थान से मंगाया गया ब्लड
मधुलिका सिंह के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से सफेदाबाद स्थित एक निजी संस्थान से ब्लड लाने को कहा. जब परिजन ब्लड लेने के लिए सफेदाबाद स्थित निजी संस्थान पहुंचे, तो वहां पर पता चला कि बच्ची का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव नहीं बल्कि बी पॉजिटिव है. जबकि अस्पताल ने उन्हें ए पॉजिटिव ब्लड लाने को कहा था.

ब्लड लाने की देरी के चलते नवजात की मृत्यु
परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि अस्पताल की लापरवाही के चलते ब्लड लाने में देर हुई. क्योंकि पहले अस्पताल ने ए पॉजिटिव ब्लड लाने को कहा और बाद में बी पॉजिटिव. जब रात को एक बजे परिजन ब्लड लेकर अस्पताल पहुंचे, तब नवजात को ब्लड चढ़ाया गया और ढाई बजे नवजात की मौत हो गई. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नवजात को समय से ब्लड नहीं मिला. इस वजह से उसकी मृत्यु हुई. अस्पताल की लापरवाही के चलते परिजनों में काफी आक्रोश है.

लखनऊः मेयो हॉस्पिटल एक बार विवादों में घिर गया है. वाराणसी के रहने वाले अभय प्रताप सिंह ने मेयो हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाएं हैं. अभय प्रताप सिंह का कहना है कि मेयो संस्थान की लापरवाही के चलते उनकी बहू के नवजात की मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला
अभय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके छोटे भाई की पत्नी मधुलिका सिंह ने 18 जनवरी को मेयो हॉस्पिटल में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. दोनों बच्चे प्रीमेच्योर पैदा हुए थे. डिलीवरी के बाद दोनों बच्चों का मेयो अस्पताल में इलाज चल रहा था. रविवार को अस्पताल प्रशासन ने बच्चे की तबीयत खराब होने की बात कहते हुए ए पॉजिटिव ब्लड लाने को कहा.

निजी संस्थान से मंगाया गया ब्लड
मधुलिका सिंह के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से सफेदाबाद स्थित एक निजी संस्थान से ब्लड लाने को कहा. जब परिजन ब्लड लेने के लिए सफेदाबाद स्थित निजी संस्थान पहुंचे, तो वहां पर पता चला कि बच्ची का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव नहीं बल्कि बी पॉजिटिव है. जबकि अस्पताल ने उन्हें ए पॉजिटिव ब्लड लाने को कहा था.

ब्लड लाने की देरी के चलते नवजात की मृत्यु
परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि अस्पताल की लापरवाही के चलते ब्लड लाने में देर हुई. क्योंकि पहले अस्पताल ने ए पॉजिटिव ब्लड लाने को कहा और बाद में बी पॉजिटिव. जब रात को एक बजे परिजन ब्लड लेकर अस्पताल पहुंचे, तब नवजात को ब्लड चढ़ाया गया और ढाई बजे नवजात की मौत हो गई. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नवजात को समय से ब्लड नहीं मिला. इस वजह से उसकी मृत्यु हुई. अस्पताल की लापरवाही के चलते परिजनों में काफी आक्रोश है.

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