लखनऊ. बसपा प्रमुख मायावती विधानसभा चुनाव की हार को लेकर काफी चिंतित हैं. ऐसे में पार्टी की खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए मायावती ने हर विधानसभा में पार्टी की रणनीतियों के लिए चार वर्ग से चार नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. ये चारों नेता दलित, ओबीसी, मुस्लिम और सवर्ण वर्ग से होंगे.
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल (mayawati twitter handle) से ट्वीट करके लिखा है कि यूपी में सपा व भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है. इन्होंने विधानसभा आम चुनाव को भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहां भय व आतंक का माहौल बनाया जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ व सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की. इसको सुधार कर ही भाजपा को यहां हराना संभव है.
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यूपी में सपा व भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है कि इन्होंने विधान सभा आमचुनाव को भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहाँ भय व आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ व सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की, जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहाँ हराना संभव।
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">यूपी में सपा व भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है कि इन्होंने विधान सभा आमचुनाव को भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहाँ भय व आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ व सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की, जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहाँ हराना संभव।
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— Mayawati (@Mayawati) March 29, 2022
बैठक में मायावती ने संगठन में बदलाव के लिए नई रणनीति पर विचार विमर्श किया. अब तक बीएसपी हर विधानसभा में एक समन्वयक यानी कोऑर्डिनेटर नियुक्त करती थी. आमतौर पर यह पद दलित नेताओं को मिलता था लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए मायावती ने एक नया प्लान बनाया है. नए प्लान के मुताबिक अब हर विधानसभा की जिम्मेदारी 4 नेताओं को दिया जाएगा और ये चारों नेता राज्य के चार महत्वपूर्ण समूहों दलित, ओबीसी, मुस्लिम और सवर्ण वर्ग से होंगे.
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