लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister Mayawati) ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए किए जा रहे ट्विट पर प्रहार किया है.
बसपा सुप्रीमो (bsp supremo) मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक के अंततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहां कांग्रेस और बीजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप और इधर-उधर की बात जारी है. उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है.
-
1. भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के अन्ततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहाँ कांग्रेस व बीेजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1. भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के अन्ततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहाँ कांग्रेस व बीेजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 27, 20221. भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के अन्ततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहाँ कांग्रेस व बीेजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 27, 2022
मायावती ने कहा कि ऐसे समय जब अमेरिका व यूरोप के अमीर व विकसित देश जबरदस्त संकटों के बुरे दौर से गुजर रहे हैं. विकसित और शक्ति संपन्म देश स्थिति को संभालने के लिए नित नए प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे समय भारतीय हुक्मरानों को भी देश हित व यहां की जनता के भविष्य के लिए अपनी संकीर्ण एवं जातिवादी सोच त्यागना ही होगा. इसी क्रम में यह जांच परख जरूरी है कि दलित, पिछड़े व उपेक्षित का सच्चा हितैषी कौन है.
यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव में हार के बाद बसपा में बड़ा बदलाव, पार्टी में कई पद खत्म
मायावती ने कहा कि क्या बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को भुलाकर उनके करोड़ों अनुयायियों का कोई असली हितैषी हो सकता है. जैसा कि खड़गे सहित अन्य विरोधी नेतागण उनकी पार्टी की संकीर्ण सोच से मजबूर हैं.
यह भी पढ़ें : इन दो मुस्लिम नेताओं से है मायावती को उम्मीद, निकाय चुनाव में दौड़ेगा हाथी