लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर जोर देकर यह बात कही है कि वह किसी कीमत पर किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगी. चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव बीएसपी अकेले लड़ेगी. उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज कसा है. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए इमरान मसूद को लेकर भी कहा कि वह कांग्रेस की लगातार तारीफ कर रहे थे. ऐसे में उन पर पार्टी और जनता कैसे विश्वास कर सकती है? अगर ऐसा ही था तो कांग्रेस पार्टी छोड़ी ही क्यों?
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1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
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— Mayawati (@Mayawati) August 30, 20231. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया कि 'एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने मीडिया से अपील की है कि नो फेक न्यूज प्लीज़.' मायावती ने कहा कि 'बीएसपी, विरोधियों के जुगाड़, जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे, बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से साल 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा और चार राज्यों में विधानसभा का आम चुनाव लडे़गी. मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए.' मायावती ने कहा कि 'वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं, लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी दलों की तरफ से खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. यह घोर अनुचित और अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी है.'
बीएसपी मुखिया ने बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित किए गए सहारनपुर से पूर्व विधायक इमरान मसूद को लेकर भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 'बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?'