लखनऊ : इल्म जिन्दगी है, रौशनी है, तामीर व तरक्की का जीना है, खुदा पाक को पहचानने का जरिया है. उसके खिलाफ जिहालत मौत है, अंधेरा है, खुदा पाक से दूरी और उसके आदेशों को न जानने के कारण है. शिक्षा से ही कामयाबी हासिल की जा सकती है. यह बातें मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह ने कहीं. वे गुरुवार को शाह मीना मेमोरियल प्राइमरी स्कूल में जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क किताबें और स्कूल बैग बांटने पहुंचे थे.
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि इस्लाम धर्म ने तालीम के हासिल करने पर बहुत जोर दिया है. यह दौर इल्म साइंस और टेक्नोलाॅजी का दौर है. इसलिए हम उम्मत मुस्लिमा के हर व्यक्ति से अपील करते हैं वह तालीम हासिल करने पर भरपूर ध्यान दें. मौलाना फंरगी महली ने स्कूल के संस्थापक पीर जादा शेख राशिद अली मीनाई सज्जादा नशीन व मुतवल्ली दरगाह हजरत मखदूम शाह मीना शाह चौक लखनऊ की तरीफ की. कहा कि उन्होंने मुसलमानों में तालीम को बढ़ावा देने के लिए मीनाई एजुकेशननल एंड वेलफेयर सोसाइटी कायम की. उसके तहत यह स्कूल 2006 से तालीमी खिदमात अंजाम दे रहा है. यहां बच्चों से किसी भी किस्म की कोई फीस नहीं ली जाती है और न ही कोई सरकारी सहायता प्राप्त है. बच्चों को यूनीफार्म ड्रेस, किताबें और बस्ते निःशुल्क दिए जाते हैं.
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मौलाना फरंगी महली ने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि इस तरह के तालीमी इदारे ज्यादा से ज्यादा कायम हों और उम्मत का हर व्यक्ति तालीम याफ्ता हो. इस अवसर पर स्कूल के संस्थापक शेख राशिद अली मीनाई, प्रधानाचार्या रूही रहमान, अध्यापिकाओं में सैय्यद ताज फातिमा, शाहिदा बानो, अफरोज फातिमा मौजूद थीं.
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