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हवाला से करोड़ों की विदेशी फंडिंग जुटाने और अवैध धर्मांतरण के आरोप में मौलाना कलीम सिद्दीकी गिरफ्तार - up news

धर्मांतरण मामले में हवाला से फंडिंग जुटाने के आरोप में यूपी एटीएस ने मेरठ से मौलाना कलीम सिद्दीकी (maulana kaleem siddiqui) को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में लखनऊ जेल में बंद आरोपी मोहम्मद उमर गौतम उनका साथी बताया जा रहा है. यह जानकारी बुधवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी.

धर्मांतरण मामले में हवाला से करोड़ों की विदेशी फंडिंग जुटाने के आरोप में मौलाना कलीम सिद्दीकी गिरफ्तार.
धर्मांतरण मामले में हवाला से करोड़ों की विदेशी फंडिंग जुटाने के आरोप में मौलाना कलीम सिद्दीकी गिरफ्तार.
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Published : Sep 22, 2021, 1:58 PM IST

लखनऊः एडीजी लॉ एंड आर्डर (ADG law and order ) प्रशांत कुमार ने बताया कि मौलाना कलीम के जामिया ईमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के खाते में अनियमित रूप से डेढ़ करोड़ की बहरीन से फंडिंग की गई है. वहीं, कलीम के खाते में तीन करोड़ की फंडिंग हुई है.

मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर और वलीउल्लाह ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. कलीम सिद्दीकी पर हवाला के जरिए अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग जुटाने का आरोप है. आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया है. उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

ये है पूरा मामला

बता दें कि बीती 20 जून को धर्मांतरण को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम समेत दस लोगों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है. कलीम सिद्दीकी के उमर औऱ काजी जहांगीर से गठजोड़ के भी लिंक मिले हैं.

आरोप है कि विदेश से करोड़ों रुपये कलीम सिद्दीकी के खाते में आए थे. आरोप है कि कलीम सिद्दीकी लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाते थे. वह अपना ट्रस्ट चलाने के साथ तमाम मदरसों को भी फंडिंग करते थे.

मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अन्य अवैध माध्यमों से भेजी जाती थी. उमर गौतम और मुफ्ती काजी से उसके लिंक जुड़े है. यूपी एटीएस के मुताबिक, मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से आए थे. वहीं अन्य माध्यमों को मिलाकर कुल 3 करोड़ रुपये उनके खाते में आए थे. एडीजी ने बताया कि उमर गौतम को ब्रिटेन की संस्था अल फला ट्रस्ट से लगभग 57 करोड़ की फंडिंग की गई थी.

ये भी पढ़ेंः मेरठ से निकले इस्लामिक स्कॉलर कलीम सिद्दीकी संदिग्ध हालात में गायब, मोबाइल बंद

एटीएस के IG जी.के गोस्वामी की मानें तो मौलाना कलीम सिद्दीकी निवासी मुजफ्फरनगर, नाम का व्यक्ति जो जामिया इमाम वलीउल्ला नामक एक ट्रस्ट भी संचालित करता है, सामाजिक सौहार्द्र के कार्यक्रम की आड़ में भिन्न-भिन्न प्रकार के लालच देकर धर्मांतरण का सिंडिकेट संचालित कर रहा है.

कलीम अपना ट्रस्ट संचालित करने के अलावा तमाम मदरसों की फंडिंग भी करता है जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला व अन्य अवैध माध्यमों से भेजी जाती है. मौलाना इन मदरसों की आड़ और पैगामे इंसानियत देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच व भय दिखाकर इस्लाम स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है. बाद में इन लोगों को प्रशिक्षित कर अन्य लोगों का धर्मान्तरण कराने के लिए तैयार करता है.

आईजी एटीएस ने बताया कि मौलाना कलीम मुजफ्फरनगर के फुलत का रहने वाला है. इसकी प्राथमिक शिक्षा फुलत के एक मदरसे में हुई. इसके बाद पिकेट इंटर कॉलेज, खतौली से विज्ञान में इंटरमीडिएट पूरा किया. मौलाना कलीम ने मेरठ कॉलेज से बीएससी किया व पीएमटी प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी. इस्लामी साहित्यकारों से प्रभावित होने और इस्लामी लोगों के साथ अच्छे संबंध होने के कारण कलीम ने एमबीबीएस करने की बजाय प्रसिद्ध इस्लामी संस्था दारुल उलूम नदवतुल उलमा, लखनऊ में दाखिला लिया.

लखनऊः एडीजी लॉ एंड आर्डर (ADG law and order ) प्रशांत कुमार ने बताया कि मौलाना कलीम के जामिया ईमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के खाते में अनियमित रूप से डेढ़ करोड़ की बहरीन से फंडिंग की गई है. वहीं, कलीम के खाते में तीन करोड़ की फंडिंग हुई है.

मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर और वलीउल्लाह ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. कलीम सिद्दीकी पर हवाला के जरिए अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग जुटाने का आरोप है. आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया है. उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

ये है पूरा मामला

बता दें कि बीती 20 जून को धर्मांतरण को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम समेत दस लोगों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है. कलीम सिद्दीकी के उमर औऱ काजी जहांगीर से गठजोड़ के भी लिंक मिले हैं.

आरोप है कि विदेश से करोड़ों रुपये कलीम सिद्दीकी के खाते में आए थे. आरोप है कि कलीम सिद्दीकी लालच देकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाते थे. वह अपना ट्रस्ट चलाने के साथ तमाम मदरसों को भी फंडिंग करते थे.

मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अन्य अवैध माध्यमों से भेजी जाती थी. उमर गौतम और मुफ्ती काजी से उसके लिंक जुड़े है. यूपी एटीएस के मुताबिक, मौलाना कलीम सिद्दीकी के खाते में 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से आए थे. वहीं अन्य माध्यमों को मिलाकर कुल 3 करोड़ रुपये उनके खाते में आए थे. एडीजी ने बताया कि उमर गौतम को ब्रिटेन की संस्था अल फला ट्रस्ट से लगभग 57 करोड़ की फंडिंग की गई थी.

ये भी पढ़ेंः मेरठ से निकले इस्लामिक स्कॉलर कलीम सिद्दीकी संदिग्ध हालात में गायब, मोबाइल बंद

एटीएस के IG जी.के गोस्वामी की मानें तो मौलाना कलीम सिद्दीकी निवासी मुजफ्फरनगर, नाम का व्यक्ति जो जामिया इमाम वलीउल्ला नामक एक ट्रस्ट भी संचालित करता है, सामाजिक सौहार्द्र के कार्यक्रम की आड़ में भिन्न-भिन्न प्रकार के लालच देकर धर्मांतरण का सिंडिकेट संचालित कर रहा है.

कलीम अपना ट्रस्ट संचालित करने के अलावा तमाम मदरसों की फंडिंग भी करता है जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला व अन्य अवैध माध्यमों से भेजी जाती है. मौलाना इन मदरसों की आड़ और पैगामे इंसानियत देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच व भय दिखाकर इस्लाम स्वीकार करने के लिए प्रेरित करता है. बाद में इन लोगों को प्रशिक्षित कर अन्य लोगों का धर्मान्तरण कराने के लिए तैयार करता है.

आईजी एटीएस ने बताया कि मौलाना कलीम मुजफ्फरनगर के फुलत का रहने वाला है. इसकी प्राथमिक शिक्षा फुलत के एक मदरसे में हुई. इसके बाद पिकेट इंटर कॉलेज, खतौली से विज्ञान में इंटरमीडिएट पूरा किया. मौलाना कलीम ने मेरठ कॉलेज से बीएससी किया व पीएमटी प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी. इस्लामी साहित्यकारों से प्रभावित होने और इस्लामी लोगों के साथ अच्छे संबंध होने के कारण कलीम ने एमबीबीएस करने की बजाय प्रसिद्ध इस्लामी संस्था दारुल उलूम नदवतुल उलमा, लखनऊ में दाखिला लिया.

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