लखनऊः वसूली की कार्रवाई से गुजर रहे वरिष्ठ शिया धर्मगुरु डॉक्टर मौलाना कल्बे साजिक के बेटे मौलाना डॉक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी ने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए फैसले का स्वागत किया है. दरअसल नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ कथित तौर पर साल 2019 में हुए आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे गये थे. जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने यूपी सरकार की इस कार्रवाई को कानून के खिलाफ करार दिया है.
शनिवार को मौलाना डॉक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी ने अपने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रति हमारी आस्था और बढ़ी है और यह विश्वास मजबूत हुआ है कि हमारे देश में हर धर्म और जाति के लोगों को इंसाफ और न्याय मिलता है. मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार ने CAA और NRC के खिलाफ किये गये शांतिपूर्वक प्रदर्शन के बाद बदले की करवाई करते हुए मेरे और दूसरे धर्म गुरुओं के खिलाफ दंगे भड़काने के फर्जी मुकद्दमे लिखे और हमारे पोस्टर दंगाई की तरह मुख्य चौराहों पर लगाए गए.
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जिसकी वजह से माननीय उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा कि अब रिकवरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार से साबित हो गया है कि योगी सरकार ने बदले की भावना से काम किए और शांतिपूर्वक विरोध की आवाज को दमन और अत्याचार से कुचलना चाहा. मौलाना नूरी ने कहा कि हमारे खानदान ने समाज को हमेशा प्रेम, भाईचारे, मोहब्बत का पैगाम दिया है. हमेशा शिक्षा के प्रति काम करने और समाज सेवा को मिशन बनाया. लेकिन योगी सरकार ने उसी खानदान के उलेमा को दंगाई साबित करके पूरे शिया समाज को अपमानित किया. बता दें कि योगी सरकार ने मौलाना डॉक्टर कल्बे सिब्तैन नूरी के खिलाफ 65 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया हुआ है.