लखनऊः शहर के ऐतिहासिक बड़े इमामबाड़े में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद की अगुवाई में शिया सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस सम्मेलन में शिया समुदाय के विभिन्न मुद्दों को उठाया गया. इस दौरान मौलाना कल्बे जव्वाद ने पिछली हुकूमतो पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक शिया समुदाय की बेहतरी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।जबकि पसमांदा मुस्लिम की बात हो रही है. उन्होंने सम्मेलन के माध्यम से मौजूदा सरकार से मांग की कि शिया समुदाय को राजनीतिक और आर्थिक विकास में बराबरी का दर्जा दिया जाना चाहिए.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि हमको महसूस हो रहा है कि शिया समाज लगातार पिछड़ रहा हैं. चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र हो. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस सिलसिले में सरकार से भी मदद दी जाए ताकि शिया समाज के पिछड़ेपन को दूर किया जा सके. मौलाना कल्बे जव्वाद ने सच्चर कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमान हर क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं इसलिए हम यह कह सकते हैं कि शिया अल्पसंख्यक में अल्पसंख्यक है.
मौलाना जव्वाद ने कहा कि शिया समुदाय के वोटों की संख्या कम नहीं है लेकिन हमारे वोटों को छुपाया जाता है और अनदेखा किया जाता है ताकि हमें अपने अधिकारों से वंचित किया जा सके. इस सम्मेलन के माध्यम से उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम सरकार से बात करेंगे. मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि सम्मेलन के बाद हम पीएम मोदी से मिलकर अपनी मांगों को रखेंगे ताकि शिया समाज के विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके.
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