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मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का ट्रेंड चल रहा है: मौलाना कल्बे जवाद

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Published : Apr 7, 2021, 6:17 PM IST

महंत नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ और अपमानजनक बयान की मौलान कल्बे जवाद नकवी ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि नरसिंहानंद सरस्वती जैसे लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही यह भी कहा कि इस समय भारत में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का ट्रेंड चल रहा है.

मौलाना कल्बे जवाद.
मौलाना कल्बे जवाद.

लखनऊः पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के खिलाफ महंत नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ और अपमानजनक बयान की मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने निंदा की है. मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि महंत नरसिंहानंद सरस्वती जैसे लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत सरकार को ऐसे लागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

देश में अशांति फैलाने का प्रयास

मौलाना ने कहा कि इस समय भारत में यह ट्रेंड चल रहा है कि हर कोई मुसलमानों की भावनाओं को आहत करके सस्ती शोहरत प्राप्त करना चाहता है. कभी कोई व्यक्ति सरकार से पद पाने के लिए, तो कभी कोई व्यक्ति सरकार से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए ऐसे बयान देता है. मौलाना ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब जो अपने दुश्मनों पर भी दया करते थे, जिनके दामन पर जुल्म का एक भी दाग नहीं है. उनका अपमान करना केवल देश में अशांति फैलाने का प्रयास है.

इसे भी पढ़ें- मिशन शक्ति के पांच माहः 12 को फांसी, 456 को आजीवन कारावास की सजा

इस्लाम का बुनियादी ज्ञान भी नहीं

मौलाना ने कहा कि आजकल वह भी मुसलमानों की धार्मिक भावनों का अपमान कर रहे हैं, जिन्हें इस्लाम के बारे में बुनियादी ज्ञान भी नहीं है. मौलाना ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के आपत्तिजनक और आशांति फैलाने वाले बयानों को प्रसारित किया जा रहा हैं. अगर कोई मुसलमान किसी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करता है तो उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाता है, लेकिन जब कोई मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देता है तो उसे गिरफ्तार करने के बजाए सरकार कड़ी सुरक्षा प्रदान करती है. उन्हें बड़े पद दिए जाते हैं.

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र : कोरोना से जान गंवाने वाले 8 लोगों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार

कड़ी कार्रवाई की मांग

मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि वसीम रिजवी ने अदालत में पवित्र कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और वह ऐसे बयानों के माध्यम से एक बार फिर वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनने की कोशिश कर रहा है. हम ऐसे बयानों की कड़ी निंदा करते हैं. साथ ही सरकार से ऐसे उपद्रवियों और आशांति फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हैं. सरकार और प्रशासन को याद रखना चाहिए कि ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देना भारत की शांति और गंगा-जमुनी सभ्यता को नुकसान पहुंचाना है.

लखनऊः पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के खिलाफ महंत नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ और अपमानजनक बयान की मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने निंदा की है. मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि महंत नरसिंहानंद सरस्वती जैसे लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत सरकार को ऐसे लागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

देश में अशांति फैलाने का प्रयास

मौलाना ने कहा कि इस समय भारत में यह ट्रेंड चल रहा है कि हर कोई मुसलमानों की भावनाओं को आहत करके सस्ती शोहरत प्राप्त करना चाहता है. कभी कोई व्यक्ति सरकार से पद पाने के लिए, तो कभी कोई व्यक्ति सरकार से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए ऐसे बयान देता है. मौलाना ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब जो अपने दुश्मनों पर भी दया करते थे, जिनके दामन पर जुल्म का एक भी दाग नहीं है. उनका अपमान करना केवल देश में अशांति फैलाने का प्रयास है.

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इस्लाम का बुनियादी ज्ञान भी नहीं

मौलाना ने कहा कि आजकल वह भी मुसलमानों की धार्मिक भावनों का अपमान कर रहे हैं, जिन्हें इस्लाम के बारे में बुनियादी ज्ञान भी नहीं है. मौलाना ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के आपत्तिजनक और आशांति फैलाने वाले बयानों को प्रसारित किया जा रहा हैं. अगर कोई मुसलमान किसी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करता है तो उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाता है, लेकिन जब कोई मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देता है तो उसे गिरफ्तार करने के बजाए सरकार कड़ी सुरक्षा प्रदान करती है. उन्हें बड़े पद दिए जाते हैं.

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कड़ी कार्रवाई की मांग

मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि वसीम रिजवी ने अदालत में पवित्र कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और वह ऐसे बयानों के माध्यम से एक बार फिर वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनने की कोशिश कर रहा है. हम ऐसे बयानों की कड़ी निंदा करते हैं. साथ ही सरकार से ऐसे उपद्रवियों और आशांति फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हैं. सरकार और प्रशासन को याद रखना चाहिए कि ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देना भारत की शांति और गंगा-जमुनी सभ्यता को नुकसान पहुंचाना है.

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