लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने समाजवादी पार्टी में ऐसी सेंधमारी की, जिससे सपा खेमे में खलबली मची हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने ऐसी रणनीति बनाई कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत कई कद्दावर नेता इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ जुड़ गए हैं. वहीं कुछ और लोग भी जल्द ही जुड़ने वाले हैं.
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की रणनीति ही थी कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी हो गए. इसके बाद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर भी अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने भी अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वह कभी भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं.
भाजपा की रणनीति से सपा ढेर
खास बात यह है कि समाजवादी पार्टी के जो कद्दावर और आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त नेता थे, उन्हें तोड़ने में और सपा से अलग करने में भारतीय जनता पार्टी की रणनीति सफल रही है. समाजवादी पार्टी को कमजोर कर भारतीय जनता पार्टी सपा के कई बड़े चेहरों को भाजपा में लाने में कामयाब रही है. भारतीय जनता पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर लोग बीजेपी से जुड़ रहे हैं. वहीं समाजवादी पार्टी ने जिन्हें अलग-थलग करने का काम किया वह लोग सपा से दूर होकर बीजेपी की नीतियों से प्रभावित हुए हैं और वह बीजेपी से जुड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियां ऐसी हैं कि अब विपक्ष के तमाम नेता भाजपा से जुड़ चुके हैं.