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जिनको अपनी पार्टी से नहीं मिला टिकट, उनको कांग्रेस दे रही तोहफा

कांग्रेस पार्टी लगातार विपक्षी दलों से आए बागियों को तोहफा दे रही है. कांग्रेस अपनों को छोड़ दूसरी पार्टी से आए लोगों को टिकट दे रही है. भाजपा सांसद रहीं सावित्रीबाई फुले को बहराइच से कांग्रेस ने टिकट दिया. वहीं भाजपा विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को संभल से उम्मीदवार घोषित किया है.

कांग्रेस बागियों को दे रही तोहफा
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Published : Mar 29, 2019, 6:22 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी लगातार विपक्षी दलों से आए बागियों को तोहफा दे रही है. पहले जारी सूची में कांग्रेस ने अपनों को दरकिनार कर दूसरी पार्टी से आए लोगों को टिकट दी. गुरुवार को जारी सूची में कांग्रेस ने मुरादाबाद से भाजपा विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को संभल की टिकट दी. इससे अब बागियों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस ने अन्य पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है.


बहुजन समाज पार्टी के नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में शामिल होने से यह सिलसिला शुरू हुआ. सपा और बसपा के कई बागी नेताओं ने कांग्रेस को सबसे सुरक्षित मानते हुए इसमें शामिल हुए. ज्यादातर बागी कांग्रेस में अपनी शर्तों के मुताबिक जुड़े और उनकी शर्त लोकसभा चुनाव में टिकट पाना था. हालांकि कांग्रेस ने भी बागियों को मायूस नहीं किया और ज्यादातर को मनचाही सीट पर उम्मीदवार बनाया.


नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उनकी मनपसंद बिजनौर सीट दी तो कैसरजहां को सीतापुर. भाजपा सांसद रहीं सावित्रीबाई फुले को बहराइच से कांग्रेस ने टिकट दिया. मुरादाबाद से दो बार भाजपा विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को कांग्रेस ने संभल सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

कांग्रेस बागियों को दे रही तोहफा


करीब डेढ़ माह पहले राज बब्बर के सामने मेजर जेपी सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था. सदस्यता लेते वक्त मेजर जेपी सिंह ने कहा था कि उनका भाजपा में दम घुट रहा था. राहुल गांधी ने जब सिपाहियों को शहीद का दर्जा देने की बात कही तो इससे वो काफी प्रभावित हुए. इसीलिए कांग्रेस में आए हैं. साथ ही कहा कि कांग्रेस में पहले भी रह चुके हैं. इसलिए इसे उनकी घर वापसी कहा जाना चाहिए.

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी लगातार विपक्षी दलों से आए बागियों को तोहफा दे रही है. पहले जारी सूची में कांग्रेस ने अपनों को दरकिनार कर दूसरी पार्टी से आए लोगों को टिकट दी. गुरुवार को जारी सूची में कांग्रेस ने मुरादाबाद से भाजपा विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को संभल की टिकट दी. इससे अब बागियों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस ने अन्य पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है.


बहुजन समाज पार्टी के नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में शामिल होने से यह सिलसिला शुरू हुआ. सपा और बसपा के कई बागी नेताओं ने कांग्रेस को सबसे सुरक्षित मानते हुए इसमें शामिल हुए. ज्यादातर बागी कांग्रेस में अपनी शर्तों के मुताबिक जुड़े और उनकी शर्त लोकसभा चुनाव में टिकट पाना था. हालांकि कांग्रेस ने भी बागियों को मायूस नहीं किया और ज्यादातर को मनचाही सीट पर उम्मीदवार बनाया.


नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उनकी मनपसंद बिजनौर सीट दी तो कैसरजहां को सीतापुर. भाजपा सांसद रहीं सावित्रीबाई फुले को बहराइच से कांग्रेस ने टिकट दिया. मुरादाबाद से दो बार भाजपा विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को कांग्रेस ने संभल सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

कांग्रेस बागियों को दे रही तोहफा


करीब डेढ़ माह पहले राज बब्बर के सामने मेजर जेपी सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था. सदस्यता लेते वक्त मेजर जेपी सिंह ने कहा था कि उनका भाजपा में दम घुट रहा था. राहुल गांधी ने जब सिपाहियों को शहीद का दर्जा देने की बात कही तो इससे वो काफी प्रभावित हुए. इसीलिए कांग्रेस में आए हैं. साथ ही कहा कि कांग्रेस में पहले भी रह चुके हैं. इसलिए इसे उनकी घर वापसी कहा जाना चाहिए.

Intro:कांग्रेस लगातार दे रही बागियों को तोहफा, अब मेजर जेपी सिंह को संभल से दी उम्मीदवारी की सौगात

लखनऊ। कांग्रेस पार्टी लगातार विपक्षी दलों से आए बागियों को तोहफा देती जा रही है। पूर्व में जितनी भी सूची जारी हुईं उनमें कांग्रेस ने अपनों को दरकिनार कर गैरों से अपने हुए लोगों को टिकट की सौगात दी। अब कल जारी सूची में भी कांग्रेस ने मुरादाबाद से भाजपा के दो बार विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को संभल की उम्मीदवारी सौगात में दे दी। इससे अब बागियों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस ने अन्य पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है।


Body:बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आने का नसीमुद्दीन सिद्दीकी से जो सिलसिला शुरू हुआ तो इसके बाद इस लोकसभा चुनाव में ऐसे बागियों की कांग्रेस के साथ जुड़ने की बाढ़ सी आ गई। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के ज्यादातर बागियों ने कांग्रेस को ही अपने लिए सबसे सुरक्षित जगह मानते हुए शरण ले ली। ज्यादातर बागी कांग्रेस में अपनी शर्तों के मुताबिक जुड़े और उनकी शर्त थी लोकसभा चुनाव में टिकट। हालांकि कांग्रेस ने भी बागियों को मायूस नहीं किया और ज्यादातर को मनचाही सीट पर उम्मीदवार बनाया। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उनकी मनपसंद बिजनौर सीट दी तो कैसर जहां को सीतापुर। फतेहपुर से सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान को तो बहराइच से भाजपा की सांसद रहीं सावित्रीबाई फुले को बहराइच से ही कांग्रेस ने टिकट दे दिया। अब मुरादाबाद से दो बार भाजपा के विधायक रहे मेजर जेपी सिंह को कांग्रेस ने संभल सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।


Conclusion:करीब डेढ़ माह पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के सामने कांग्रेस मुख्यालय पर मेजर जेपी सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था। सदस्यता लेते वक्त मेजर जेपी सिंह ने कहा था कि उनका भाजपा में दम घुट रहा था। राहुल गांधी ने जब सिपाहियों को शहीद का दर्जा देने की बात कही तो इससे मैं काफी प्रभावित हुआ इसीलिए कांग्रेस में आए हैं, साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस में पहले भी रह चुके हैं इसलिए इसे उनकी घर वापसी कहा जाना चाहिए। शायद इसी से कांग्रेस इस कदर खुश हुई कि उन्हें संभल जैसी सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिया।
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