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छात्रवृत्ति घोटाले में एक आईएएस समेत कई अधिकारी जांच के घेरे में - छात्रवृत्ति घोटाले की न्यूज

छात्रवृत्ति घोटाले में एक आईएएस समेत कई अधिकारी जांच के घेरे में आ गए हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 18, 2023, 9:55 AM IST

लखनऊ: छात्रवृत्ति घोटाले के लिए गठित की गई एसआईटी की जांच ने कई बड़े अधिकारियों को अपने घेरे में ले लिया है. अल्पसंख्यक विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति घोटाले में केंद्र के एक प्रमोटी आईएएस, संबंधित जिलों के समाज कल्याण अधिकारी और संबंधित जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक जांच की घेरे में आ गए हैं. उनकी भूमिका की जांच एसआईटी की ओर से की जा रही है. इनके खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं. इसके बाद इन पर कार्रवाई शुरू की जाएगी. विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से दिव्यांग छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई. छात्रवृत्ति घोटाले में एक बड़ी रकम दिव्यांग छात्रों के नाम पर ली गई. सूत्रों के मुताबिक संबंधित संस्थान दिव्यांग विद्यार्थियों की डिटेल विभाग के पोर्टल पर भरते गए और उनके खाते खुलवाए और उसमें विभाग की ओर से जो छात्रवृत्ति दी गई उसे निकालकर हड़प ली.

जानकारी के अनुसार संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए गई छात्रों की जानकारी को विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी स्तर पर वेरीफाई नहीं कराया गया. इससे जांच एजेंसी को बड़े घोटाले की साजिश की आशंका है. इसमें केंद्र के एक प्रमोटी आईएएस का नाम भी सामने आया है और जांच के घेरे में वह आ गए हैं.


सूत्रों का कहना है कि एसआईटी नामजद आरोपियों पर कार्रवाई कर चार्जशीट दाखिल करेगी. इसके बाद उन लोगों की भूमिका जांची जाएगी. अगर विभागीय लापरवाही हुई तो संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी. सूत्र बताते हैं कि अभी तक हुए जांच में एक-एक इंटर कॉलेज में 1-1 सेक्शन में 100 से अधिक दिव्यांग छात्रों का प्रवेश दिखाया गया है.


ऐसे में उनको शिक्षा विभाग और समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से सत्यापित नहीं किया गया है. दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से इन छात्रों की छात्रवृत्ति रिलीज होती गई इसलिए हरदोई में हुए घोटाले में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक व समाज कल्याण अधिकारी भी इस मामले की जद में आ गए हैं. एसआईटी की जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में करीब 5 अधिकारियों पर छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल होने का संदेह है.

भूमिका की हो रही है जांच
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अभी तक की जांच में हरदोई के आरपी इंटर कॉलेज की प्रबंधक पूनम के भाई अभिनव कनौजिया को जेल भेजा है. एसआईटी की जांच में सामने आया है कि कागज पर पूनम का नाम है जबकि यह पूरा घोटाला अभिनव देखता था, इसलिए उस पर कार्रवाई की गई. हालांकि पूनम को इस पूरे मामले में अभी तक क्लीन चिट नहीं दी गई है. वही एसआईटी ने फिनो बैंक के कर्मचारी व एजेंट को भी आरोपी बनाया है सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने अब तक की जांच में उनके घोटाले साजिश में शामिल होने की भूमिका की तलाश कर रही है.

ये भी पढ़ेंः कौशांबी में टॉफी खाने से दो बच्चियों की मौत, दो की हालत गंभीर, छत पर पड़ी मिली थी टॉफी

लखनऊ: छात्रवृत्ति घोटाले के लिए गठित की गई एसआईटी की जांच ने कई बड़े अधिकारियों को अपने घेरे में ले लिया है. अल्पसंख्यक विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति घोटाले में केंद्र के एक प्रमोटी आईएएस, संबंधित जिलों के समाज कल्याण अधिकारी और संबंधित जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक जांच की घेरे में आ गए हैं. उनकी भूमिका की जांच एसआईटी की ओर से की जा रही है. इनके खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं. इसके बाद इन पर कार्रवाई शुरू की जाएगी. विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से दिव्यांग छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई. छात्रवृत्ति घोटाले में एक बड़ी रकम दिव्यांग छात्रों के नाम पर ली गई. सूत्रों के मुताबिक संबंधित संस्थान दिव्यांग विद्यार्थियों की डिटेल विभाग के पोर्टल पर भरते गए और उनके खाते खुलवाए और उसमें विभाग की ओर से जो छात्रवृत्ति दी गई उसे निकालकर हड़प ली.

जानकारी के अनुसार संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए गई छात्रों की जानकारी को विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी स्तर पर वेरीफाई नहीं कराया गया. इससे जांच एजेंसी को बड़े घोटाले की साजिश की आशंका है. इसमें केंद्र के एक प्रमोटी आईएएस का नाम भी सामने आया है और जांच के घेरे में वह आ गए हैं.


सूत्रों का कहना है कि एसआईटी नामजद आरोपियों पर कार्रवाई कर चार्जशीट दाखिल करेगी. इसके बाद उन लोगों की भूमिका जांची जाएगी. अगर विभागीय लापरवाही हुई तो संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी. सूत्र बताते हैं कि अभी तक हुए जांच में एक-एक इंटर कॉलेज में 1-1 सेक्शन में 100 से अधिक दिव्यांग छात्रों का प्रवेश दिखाया गया है.


ऐसे में उनको शिक्षा विभाग और समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से सत्यापित नहीं किया गया है. दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से इन छात्रों की छात्रवृत्ति रिलीज होती गई इसलिए हरदोई में हुए घोटाले में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक व समाज कल्याण अधिकारी भी इस मामले की जद में आ गए हैं. एसआईटी की जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में करीब 5 अधिकारियों पर छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल होने का संदेह है.

भूमिका की हो रही है जांच
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अभी तक की जांच में हरदोई के आरपी इंटर कॉलेज की प्रबंधक पूनम के भाई अभिनव कनौजिया को जेल भेजा है. एसआईटी की जांच में सामने आया है कि कागज पर पूनम का नाम है जबकि यह पूरा घोटाला अभिनव देखता था, इसलिए उस पर कार्रवाई की गई. हालांकि पूनम को इस पूरे मामले में अभी तक क्लीन चिट नहीं दी गई है. वही एसआईटी ने फिनो बैंक के कर्मचारी व एजेंट को भी आरोपी बनाया है सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने अब तक की जांच में उनके घोटाले साजिश में शामिल होने की भूमिका की तलाश कर रही है.

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