लखनऊः यूपीपीसीएल में हुए कर्मचारियों के पीएफ घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की टीम ने दिल्ली के तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी पूछताछ की है. अब तक की जांच में इस बात के सबूत मिले हैं, कि यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को दीवान हाउसिंग फाइनेंस में इन्वेस्ट करने में बड़ी मात्रा में निजी फर्मों का सहयोग लिया गया और बड़ी संख्या में ब्लैक मनी को व्हाइट भी किया गया है.
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फर्म के चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी की गई पूछताछ
यूपीपीसीएल में पीएफ घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू टीम ने दिल्ली के तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी पूछताछ की है. अब तक की जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि यूपीपीसीएल के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को दीवान हाउसिंग फाइनेंस में इन्वेस्ट करने में कई फर्मों का सहयोग से ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया. जांच के तहत दिल्ली के तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट मनोज गोयल, श्याम अग्रवाल और ललित गोयल से पूछताछ की गई है. हालांकि ईओडब्ल्यू की टीम ललित गोयल से पहले भी पूछताछ कर चुकी है.
ईओडब्ल्यू की पूछताछ में कई चीजें निकलकर सामने आई हैं. जहां पहले इस बात का पता चला था कि भविष्य निधि के पैसे को डीएचएफएल में ट्रांसफर करने के लिए कई निजी फर्मों का प्रयोग किया गया था, जिसमें से नौ फर्में फर्जी थीं. वहीं अब इस बात का भी खुलासा हुआ है, कि घोटाले के साथ-साथ बड़े पैमाने पर इन फर्मों ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने में भी भूमिका निभाई थी.
UPPCL में उजागर हुए 2200 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति की थी. जब तक सीबीआई इस पूरे मामले की जांच शुरू नहीं करती तब तक इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है.
अभी तक ईओडब्ल्यू ने घोटाले से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा, तात्कालिक निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, तात्कालिक ट्रस्ट निदेशक पीके गुप्ता, चेयरमैन संजय अग्रवाल, तात्कालिक वित्त सुधांशु द्विवेदी के बेटे अनुभव द्विवेदी शामिल हैं. गिरफ्तारी के साथ-साथ ईओडब्ल्यू की टीम ने कार्रवाई करते हुए तात्कालिक एमडी एपी मिश्रा, तात्कालिक निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी के घर से फोन, लैपटॉप और डायरी बरामद की है.