लखनऊ: कोरोना से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल महत्वपूर्ण है. मास्क के इस्तेमाल से कोरोना का बचाव तो होता ही है, साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें, तो मास्क का लगातार इस्तेमाल करने से कोरोना के अलावा अन्य कई गंभीर बीमारियों से भी खुद को बचाया जा सकता है.
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. केपी त्रिपाठी का कहना है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाने से वायरस और बैक्टीरिया से जुड़ी बीमारियों जैसे कोरोना वायरस, निमोनिया, एलर्जी, अस्थमा और वायु प्रदूषण जनित तमाम बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं. इस समय बढ़ता प्रदूषण और सर्दी इन बीमारियों को और भी गंभीर बना सकती है. ऐसे में ढिलाई बरतना खुद के साथ दूसरों को भी मुश्किल में डाल सकता है.
मास्क के उपयोग से कम होता है संक्रमण
डॉ. केपी त्रिपाठी बताते हैं कि हर किसी को यह समझाना बहुत जरूरी है कि आज के समय मास्क हमारे लिए महत्वपूर्ण है. कोरोना ही नहीं, प्रदूषण से होने वाली गंभीर बीमारियों में हमारे मुख से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण एक दूसरे तक पहुंचता है. ऐसे में यह मास्क का नियमित उपयोग इन ड्रॉपलेट्स को बाहर निकलने से रोकता है. इससे संक्रमण के फैलने का खतरा कम होता है.
मास्क के वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के सवाल पर संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि वायु प्रदूषण का असर फेफड़ों पर ही नहीं, शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है. कम तापमान और स्मॉग के चलते धूल के कण ऊपर नहीं जा पाते और नीचे ही वायरस और बैक्टीरिया के संवाहक का कार्य करते हैं. ऐसे में अगर बिना मास्क लगाए बाहर निकलते हैं तो वह हमारी सांसों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
पीएम होते हैं खतरनाक
वायु प्रदूषण में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) माइक्रोन बहुत ही महीन धूल के कण ज्यादा नुकसान दायक साबित हो सकते हैं. क्योंकि वह सांस मार्ग से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं. जबकि 1.0 पीएम तक वाले कण गले तक ही रह जाते हैं, जो गले में खराश और बलगम पैदा करते हैं. वायु प्रदूषण के कारण यह समस्या पैदा होती है और कई बीमारियों को आमंत्रण देती है. ऐसे में मास्क का बाहर निकलने पर उपयोग आवश्यक हो जाता है.
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